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केरलः मतदाता सूची में दो बार नाम दर्ज किए जाने को लेकर विपक्ष के आरोपों को मुख्यमंत्री ने खारिज किया

By भाषा | Updated: March 23, 2021 17:52 IST

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तिरुवनंतपुरम, 23 मार्च केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य की मतदाता सूची में दो या उससे भी ज्यादा बार एक ही व्यक्ति का नाम दर्ज किए जाने के मामले में षड्यंत्र के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि घटना के पीछे कोई 'सोची-समझी चाल' नहीं है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री का बयान आने से एक दिन पहले राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने माना था कि विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला की शिकायत पर जांच कराए जाने के बाद मतदाता सूची में दो बार पंजीकरण के मामले सामने आए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्पष्ट हो चुका है कि जिस महिला का नाम मतदाता सूची में कई जगह पंजीकृत मिला है वह कांग्रेस समर्थक है और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनका नाम शामिल कराया था।

विजयन ने अलप्पुझा में पत्रकारों से कहा कि चेन्नीथला दरअसल अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा मतदाता सूची में कराए गए दोहरे-तिहरे पंजीकरण के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं।

मुख्यमंत्री 61 वर्षीय वोटर का संदर्भ दे रहे थे जो उत्तर कासरगोड जिले के उदुमा सीट की मतदाता है और चेन्नीथला ने आरोप लगाया था कि उसे पांच मतदाता पहचान पत्र जारी किए गए हैं।

महिला ने बाद में मीडिया को बताया कि वह कांग्रेस समर्थक है और इस बात की जानकारी नहीं है कि कई बार उसका नाम मतदाता सूची में दर्ज।

इस मामले में निर्वाचन अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।

विजयन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह (एक ही नाम कई बार दर्ज होने) पहले भी हुए हैं लेकिन सोची समझी चाल का आरोप नहीं लगा। किसी भी राजनीतिक दल के खिलाफ आरोप नहीं लगा। चुनाव आयोग अन्य पहलुओं को भी देख रहा है।’’

चेन्नीथला ने छह अप्रैल को राज्य विधानसभा चुनाव के लिए तैयार मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा करने एवं अनियमितता के आरोप लगाए थे।

उन्होंने 20 जनवरी 2021 को निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी संख्या में फर्जी मतदाता जोड़े गए हैं।

चेन्नीथला ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से सभी 140 निर्वाचन क्षेत्रों में फर्जी मतदाता बनाने की राज्य स्तर की साजिश है।

विपक्षी नेता के आरोप पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी टीका राम मीणा ने कहा कि उनके द्वारा 1600 मतदाताओं के दोबारा नाम दर्ज होने की शिकायत की जांच की गई जिनमें से 590 के दो बार नाम दर्ज होने की जानकारी मिली जो नयी घटना नहीं है और विभिन्न कारणों से कई राज्यों में होती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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