भोपाल, 22 मार्च मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि केन-बेतवा नदी-जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना बुंदेलखण्ड की जनता की तकदीर और तस्वीर बदल देगी।
केन-बेतवा परियोजना के लिए केन्द्र सरकार, उत्तरप्रदेश तथा मध्यप्रदेश के बीच सोमवार को हुए त्रि-पक्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के बाद चौहान ने कहा, ‘‘आज का दिन मध्यप्रदेश और विशेषकर बुंदेलखण्ड के लिए एक सपने के साकार होने के समान है।’’
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश की नदियों को जोड़ने का एक दूरदर्शी सपना देखा था। उन्होंने कहा कि जिन नदियों में अधिक पानी है, उनके पानी को यदि ऐसी नदियों तक ले जाया जाए, जहाँ पानी कम है, तो पानी व्यर्थ नहीं जायेगा और इसे सिंचाई तथा पेयजल के काम में लिया जा सकेगा।
चौहान ने कहा कि इस दूरदर्शी सपने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार करके दिखाया है।
उन्होंने कहा कि नदी जोड़ो परियोजना सहकारी संघवाद के सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक है।
चौहान ने कहा कि इस परियोजना से मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड क्षेत्र के नौ जिलों को 8.11 लाख हेक्टयर क्षेत्र में सिंचाई का लाभ मिलेगा और लगभग 41 लाख लोगों को पेयजल की सुगम उपलब्धता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 के अनुमान के अनुसार, परियोजना की लागत लगभग 35,111 करोड़ रूपये थी, जिसका वर्तमान मूल्य कहीं अधिक है। कुल लागत का 90 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। मात्र 10 प्रतिशत राज्यों को व्यय करना है।
चौहान ने कहा कि यह परियोजना बुंदेलखण्ड में जन क्रांति लायेगी।
उन्होंने कहा कि बुंदेलखण्ड की धरती अत्यंत उपजाऊ है, लेकिन यह जल के अभाव में सूखे का शिकार होती रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पानी बुंदेलखण्ड की जनता की तकदीर और तस्वीर बदल देगा। यह परियोजना बुंदेलखण्ड की जीवन-रेखा बनेगी। छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जिले के लोगों के जीवन स्तर में समृद्धि और खुशहाली लेकर आयेगी।
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