केजरीवाल ने अन्य पार्टियों के नेताओं से छठ पूजा को लेकर राजनीति नहीं करने की अपील की
By भाषा | Updated: October 2, 2021 16:54 IST2021-10-02T16:54:04+5:302021-10-02T16:54:04+5:30

केजरीवाल ने अन्य पार्टियों के नेताओं से छठ पूजा को लेकर राजनीति नहीं करने की अपील की
नयी दिल्ली, दो अक्टूबर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को अन्य दलों के नेताओं से अपील की कि वे छठ पूजा को लेकर ‘‘राजनीति नहीं करें।’’
उन्होंने साथ ही कहा कि नदियों के किनारों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा करने पर रोक कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लोगों की सुरक्षा के लिए लगाई गई है।
आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख केजरीवाल ने विरोधी दलों के नेताओं से आह्वान किया कि वे इसके बजाय कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को लेकर जागरूकता पैदा करने संबंधी सरकार की कोशिशों में शामिल हो।
केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम भी चाहते हैं कि जिंदगी पटरी पर लौटे और छठ पूजा का पर्व पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाना चाहिए लेकिन, लोग जलाशय में खड़े होकर शाम और सुबह का ‘अर्घ्य’ देते हैं। ऐसे में अगर एक भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो तो वह पानी के माध्यम से सभी को संक्रमित कर सकता है और यह एक बड़ा खतरा है।’’
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने राष्ट्रीय राजधानी में छठ पूजा का पर्व पारंपरिक रूप से मनाने देने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएम) ने बृहस्पतिवार को एक आदेश जारी कर कोविड-19 महामारी के मद्देनजर छठ पूजा का पर्व नदी के तटों और मंदिरों सहित सार्वजनिक स्थलों पर मनाने पर रोक लगा दी है। पिछले साल भी कोविड-19 महामारी के चलते सार्वजनिक स्थानों पर छठ मनाने पर रोक लगाई गई थी।
छठ पूजा चार दिवसीय त्योहार है और राष्ट्रीय राजधानी में बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश के रहने वाले लोग (जिन्हें पूर्वांचली भी कहते हैं) बड़ी सख्या में इसे मनाते हैं।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि शहर में छठ पूजा पर रोक लगाकर केजरीवाल ने लाखों पूर्वांचलियों का ‘अपमान’ किया है। अपने आवास पर छठ पूजा समितियों की बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि अगर रोक नहीं हटाई गई, तो वह पूर्वांचलियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं हाथ जोड़कर अन्य पार्टियों के नेताओं से अपील करता हूं कि वे इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करें। उन्हें इसकी जगह महामारी को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करने संबंधी सरकार के प्रयासों में साथ देना चाहिए।
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