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रोजगार के लिए जिले से बाहर जाने वाली बच्चियों का रिकॉर्ड रखें : चौहान

By भाषा | Updated: January 13, 2021 23:30 IST

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भोपाल, 13 जनवरी बच्चियों की गुमशुदगी पर लगाम लगाने और उनकी जल्द बरामदी के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को सुझाया कि रोजगार के लिए जिले से बाहर जाने वाली बच्चियों का रिकॉर्ड रखने की प्रणाली बनाने की आवश्यकता है।

चौहान के इस बयान के दो दिन बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि यह प्रदर्शित करता है कि प्रदेश की भाजपा नीत सरकार महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को काबू करने में नाकामयाब है और मुख्यमंत्री सुर्खियों में रहने के लिए ऐसी बात कर रहे हैं।

चौहान ने सोमवार को मंत्रालय में एक उच्च-स्तरीय बैठक में प्रदेश से गुमशुदा हुई बालिकाओं के संबंध में प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी से चर्चा करते हुए कहा कि पुलिस ऐसे मामलों में बालिकाओं की बरामदगी संख्या बढ़ाए। उन्होंने पिछले कुछ महीनों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में आई कमी के लिए पुलिस को बधाई दी।

उल्लेखनीय है कि पिछले आठ महीने में महिलाओं के विरुद्ध अपराध की संख्या घटकर आधी हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए महिला जागरूकता अभियान का संचालन सराहनीय है। चौहान ने इस बैठक में कहा, ‘‘बेटियों के गायब होने के मामले में गंभीर कार्यवाही की आवश्यकता है। इसलिए यह विशेष बैठक बुलाई गई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बेटियों का गायब होना चिंता का विषय है। गुम हुई बेटियों को लाना, प्राथमिकता हो। ऐसा सिस्टम बनाएं कि जिले से कार्य, रोजगार आदि के लिए बाहर जाने वाली बेटी का पूरा रिकार्ड हो, जिससे वे शिकायत कर सकें। तभी इसे रोक पाएंगे।’’ चौहान ने कहा कि ऐसी व्यवस्था हो कि रोजगार के लिए जिले से बाहर जाने पर पंजीकरण अनिवार्य हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गायब बच्चों में बेटों की तुलना में बेटियों की संख्या दोगुनी होने से स्पष्ट संकेत है कि बेटियों का गायब होना सामान्य नहीं है।

इस बैठक में मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने बताया कि बालिकाओं या युवतियों के गायब होने के पीछे के नगरीय क्षेत्रों के प्रमुख कारणों में उनका बिना बताये घर से जाना या नाराज होकर भागना और बिना बताए प्रेमी के साथ भागना भी शामिल है। ग्रामीण क्षेत्र से मजदूरी के नाम पर पलायन होता है। इसमें श्रम विभाग की कार्यवाही आवश्यक होगी। इसका रिकार्ड रखा जाये कि कांट्रेक्टर उन्हें कहाँ और किस कार्य से ले जा रहे हैं।

वहीं, मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने इसे चौहान का जुमला बताया।

गुप्ता ने कहा, ‘‘सुर्खियों में रहने के लिए यह मुख्यमंत्री का जुमला है। जो लड़कियां काम के लिए बाहर जाती हैं, वे अपने परिवार वालों को बता कर जाती हैं। लेकिन, स्थानीय प्रशासन में रजिस्टर कर लड़कियां कैसे गायब नहीं हो सकती हैं? यह समझ से परे है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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