धारवाड़, 28 अक्टूबर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय कार्यकारी समिति की यहां राष्ट्रोत्थान विद्या केंद्र में तीन दिवसीय बैठक बृहस्पतिवार को शुरु हुई। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के विषय पर इस बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यहां सत्र आरंभ हुआ। इस वार्षिक कार्यक्रम में सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के साथ साथ देश भर से 350 से अधिक संगठन सचिव शामिल हो रहे हैं।
संघ के सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर ने बैठक से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज यहां संघ की कार्यकारी समिति की बैठक शुरू हुई। हम संघ के कार्यों की वर्तमान स्थिति, अपनी भावी योजनाओं और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के बारे में विचार विमर्श करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के विषय पर एक प्रस्ताव भी बैठक में पारित किया जाएगा।
बाद में आरएसएस ने एक बयान जारी करके बताया कि भागवत के नेतृत्व में सहभागियों ने सौ वर्ष की उम्र पूरी कर चुके एवं गांधीवादी कर्नाटक के प्रोफेसर जी वेंकटसुबैया और एच एस दोरेस्वामी, डॉ़ ए सिद्दालिंगैया, कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडीज, संत अध्यात्मानंद जी, स्वामी ओंकारानंद जी, लेखक नरेंद्र कोहली, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह समेत जानी मानी हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिनका इस साल निधन हुआ।
संघ के एक अन्य पदाधिकारी ने बताया कि बैठक में संघ के पुनर्गठन के बारे में भी चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष अक्टूबर माह के अंत में राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक होती है। पिछले वर्ष कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के कारण यह बैठक ऑनलाइन तरीके से हुई थी। उन्होंने कहा, ‘‘इस वर्ष, कोरम पूरा है। यहां 350 से अधिक लोग एकत्रित हुए हैं।’’
उन्होंने कहा कि संगठनात्मक कार्य देखने वाले भारतीय जनता पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भी कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं।
आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील अंबेडकर ने मंगलवार को कहा था कि आरसएस 2025 में होने वाले शतवर्षीय समारोह के बारे में भी चर्चा करेगा।
अपने शतवर्षीय समारोह के तौर पर संघ ने 2021 से 2024 तक अपना विस्तार करने की तीन वर्षीय योजना बनायी है।
कार्यकारी समिति कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से निपटने एवं अपने स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने की अपनी योजना पर भी चर्चा करेगा।
अंबेडकर के अनुसार देशभर में सिखों के नौवें गुरू तेग बहादुर के 400वें प्रकाश वर्ष के रूप में मनाने एवं ‘ आजादी का अमृत महोत्सव ’ भी एजेंडे में होंगे।
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