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कर्नाटक: शपथ से पहले ना हो कोई गड़बड़ इसलिए बीजेपी ने बनाया ये प्लान

By भाषा | Updated: July 24, 2019 01:30 IST

कर्नाटक की कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार विश्वासमत खोने के बाद गिर गई। 99 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मत दिया। इसके साथ ही राज्य में करीब तीन सप्ताह तक चला सियासी नाटक खत्म हो गया। 

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ठळक मुद्देबागियों ने इससे पहले इससे इनकार किया था कि उनके इस्तीफों और सरकार से समर्थन वापस लेने में भाजपा की कोई भूमिका है। राज्य में करीब तीन सप्ताह तक चला सियासी नाटक खत्म हो गया। 

मुम्बई में ठहरे कांग्रेस..जद(एस) के बागी विधायक, भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा के दक्षिणी राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे। यह जानकारी मंगलवार को पार्टी सूत्रों ने दी। भाजपा के एक नेता ने कहा कि इस महीने के शुरू से एक आलीशान होटल में ठहरे बागी विधायक मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जदएस...कांग्रेस गठबंधन सरकार के विश्वासमत हासिल नहीं कर पाने के बाद ‘‘बहुत खुश’’ हैं।

नेता ने कुमारस्वामी नीत सरकार के मंगलवार शाम कर्नाटक विधानसभा में विश्वासमत हासिल नहीं कर पाने की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘उन्हें (बागी विधायकों) वह मिल गया जो वे चाहते थे।’’ उन्होंने कहा कि विधायक येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद मुम्बई से रवाना होंगे।

बागियों ने इससे पहले इससे इनकार किया था कि उनके इस्तीफों और सरकार से समर्थन वापस लेने में भाजपा की कोई भूमिका है। कुमारस्वामी नीत सरकार के भविष्य का फैसला करने वाले महत्वपूर्ण शक्तिपरीक्षण से पहले येदियुरप्पा ने आरोप लगाया था कि सत्ताधारी गठबंधन यह जानने के बावजूद अनावश्यक देरी कर रहा है कि सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों को जारी व्हिप किसी काम का नहीं है। 

कर्नाटक की कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार विश्वासमत खोने के बाद गिर गई। 99 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मत दिया। इसके साथ ही राज्य में करीब तीन सप्ताह तक चला सियासी नाटक खत्म हो गया। 

ये था कर्नाटक का पूरा समीकरण

कर्नाटक में विधानसभा की 224 सीटें हैं और एक मनोनीत सदस्य की सीट है। मई 2018 में 222 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुये और बाकी दो सीटों के लिए बाद में चुनाव हुये। नतीजों में बीजेपी ने 105 सीटें हासिल की। कांग्रेस 79+ एक निर्दलीय के साथ 80  विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। डीएस ने 37 सीटें जीतीं। सरकार को एक निर्दलीय और एक बीएसपी विधायक का भी समर्थन मिला। इस तरह कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार कांग्रेस के 79, जेडीएस के 37, निर्दलीय एक और बीएसपी के एक, इस तरह कुल 118 विधायकों के समर्थन से चल रही थी।

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