Karnataka High Court: भाई की मौत, बहन ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी मांगी, उच्च न्यायालय ने कहा-बहन अपने भाई के ‘परिवार’ की परिभाषा में शामिल नहीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 14, 2023 18:42 IST2023-09-14T18:41:19+5:302023-09-14T18:42:07+5:30
Karnataka High Court: मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की पीठ तुमकुरु निवासी 29 वर्षीय पल्लवी जीएम द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी।

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बेंगलुरुः कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति के निधन पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी मांगने वाली उसकी बहन की दलील को खारिज करते हुए कहा कि बहन अपने भाई के ‘परिवार’ की परिभाषा में शामिल नहीं है। मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की पीठ तुमकुरु निवासी 29 वर्षीय पल्लवी जीएम द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी।
अदालत ने कहा, “व्याख्या की प्रक्रिया के माध्यम से अदालत किसी वैधानिक परिभाषा की रूपरेखा का विस्तार नहीं कर सकती हैं। जब नियम निर्माता ने इतने सारे शब्दों में व्यक्तियों को किसी कर्मचारी के परिवार के सदस्यों के रूप में निर्दिष्ट किया है, तो हम परिवार की परिभाषा में एक को जोड़ नहीं सकते हैं या किसी को हटा नहीं सकते हैं।
इसके विपरीत कोई तर्क, यदि स्वीकार कर लिया जाता है, तो नियम को फिर से लिखने जैसा होगा, और इसलिए, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।” अपीलकर्ता ने एकल न्यायाधीश पीठ के 30 मार्च, 2023 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की मांग वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी।
उसका भाई, जो राज्य विद्युत पारेषण कंपनी बीईएससीओएम में कार्यरत था, की कार्यस्थल पर मृत्यु हो गई थी। उसके वकील ने तर्क दिया कि वह अपने भाई पर निर्भर थी और इसलिए उसके परिवार की सदस्य थी और ऐसे में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए पात्र थी। बीईएससीओएम ने हालांकि महिला की दावेदारी का विरोध किया था।