कर्नाटक सरकार ‘लव जिहाद’ रोकने के लिए कानून लाने पर कर रही विचार : मंत्री
By भाषा | Updated: December 13, 2021 18:26 IST2021-12-13T18:26:55+5:302021-12-13T18:26:55+5:30

कर्नाटक सरकार ‘लव जिहाद’ रोकने के लिए कानून लाने पर कर रही विचार : मंत्री
बेलगावी (कर्नाटक), 13 दिसंबर कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री वी सुनील कुमार ने सोमवार को कहा कि आने वाले दिनों में ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए विधेयक पेश किया जाएगा। राज्य की भाजपा सरकार विधानमंडल के मौजूदा शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण रोधी विधेयक की तैयारी कर रही है।
उल्लेखनीय है कि ‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल दक्षिणपंथी कार्यकर्ता कथित तौर पर हिंदू लड़कियों को प्यार की आड़ में धर्मांतरण कराने के मुस्लिमों के अभियान के लिए इस्तेमाल करते हैं।
कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘कुछ संगठन सार्वजनिक रूप से दावा करते हैं कि वे धर्मांतरण में शामिल नहीं हैं और उनकी ऐसी मंशा भी नहीं है। फिर क्यों वे धर्मांतरण रोधी कानून का विरोध कर रहे हैं? एक ओर वे कहते हैं कि वे ऐसा कुछ नहीं करते और दूसरी ओर वे इसका (विधेयक) विरोध करते हैं, उनमें अस्पष्टता है, हम में नहीं।’’
कर्नाटक विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार को बेलगावी में हुई। इससे इतर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा,‘‘हम शुरू से ही कह रहे हैं कि भाजपा सरकार गोवध रोधी कानून और धर्मांतरण रोधी कानून लाएगी। हम इसके लेकर प्रतिबद्ध है। मैं इससे एक कदम आगे जाते हुए कहता हूं कि आने वाले दिनों में हम ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून लाएंगे।’’
कर्नाटक की भाजपा सरकार ने इससे पहले गोवध के खिलाफ कानून बनाया था और अब चालू शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण रोधी कानून के लिए विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है।
राज्य सरकार ने ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून को लेकर इस साल के शुरुआत में कहा था कि अधिकारियों को इस विषय पर उत्तर प्रदेश में लागू अध्यादेश से सूचना एकत्र करने का निर्देश दिया गया है।
प्रस्तावित धर्मांतरण रोधी विधेयक का बचाव करते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘गरीबों और कमजोर वर्गा को लक्षित कर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हो रहा है। यह या तो बलपूर्वक हो रहा है या प्रलोभन देकर, इसलिए इन गतिविधियों को रोकने के लिए कानून जरूरी समझा गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस बताए कि वह क्यों इसका विरोध कर रही है।हम बहस करने और जवाब देने को तैयार हैं।’’ मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक पूरे समाज को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है न कि किसी खास धर्म या समुदाय को लक्षित कर।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।