कर्नाटकः कांग्रेस में फूट का पहला बीज उभरा, कांग्रेस के बड़े नेता ने सिद्धारमैया को बताया 'घमंडी'
By खबरीलाल जनार्दन | Published: May 16, 2018 07:30 PM2018-05-16T19:30:48+5:302018-05-16T19:32:40+5:30
कांग्रेस और जेडीएस अपने विधायकों को रिजॉर्ट में ले जाकर रख रही हैं।
बेंगलुरु 16 मईः कर्नाटक में नाटक जारी है। मंगलवार को कांग्रेस और जनदा सेक्यूलर के कई विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की। जेडीएस विधायक दल के नेता और मुख्यमंत्री पद के दावेदार एचडी कुमारस्वामी ने मंगलवार शाम कहा कि उन्होंने सरकार बनाने के सभी कागजात राज्यपाल को सौंप दिए हैं। लेकिन इस सब को धता बताते हुए बीएस येदियुरप्पा ने कल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की बात कर रहे हैं। साथ बीजेपी अपने 104 विधायकों के साथ सरकार बनाने का खम ठोंक रही है। ऐसे में कांग्रेस और जेडीएस अपने विधायकों को रिजॉर्ट लेकर गई है। ताकि जोड़-तोड़ की कोशिशों को नाकाम किया जाए। जब सब एकजुट एक जगह होंगे और उनसे लगातार बातचीत की जाएगी तो उनके विचार नहीं बदलेंगे।
लेकिन इसी बीच कनार्टक विधानसभा अध्यक्ष और कर्नाटक कांग्रेस के बड़े नेता केबी कोलीवाड ने आज एक बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने सिद्धारमैया को घमंडी बताते हुए पार्टी में एकमत ना होने और अंदरूनी तौर पर विधायकों के असमतियों का उल्लेख किया है। उन्होंने सिद्धारमैया को कांग्रेसी मानने से इंकार कर दिया। इससे एक नई बहस शुरू हो गई। (जरूर पढ़ेंः कर्नाटक LIVE: कांग्रेस-जेडीएस विधायक दल की राज्यपाल से हुई मुलाकात, कुमारस्वामी बोले- सरकार बनाने के कागताज जमा)
वह सोचते हैं कि वे पार्टी के बॉस हैं। पार्टी अंदरूनी कलह से गुजर रही है। इन सब का कारण सिद्धारमैया का घमंडी व्यवहार है। वे कांग्रेसी नहीं हैं। पार्टी के भीतर कई लोगों का यही विचार है। लेकिन कोई खुलकर बोल नहीं रहा।- केबी कोलीवाड, कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष व कांग्रेस नेता
He thinks he is the boss of the party, the party has suffered because of his arrogant behaviour. He is not a true Congressman. Many people have this view of him but don't express it: K. B. Koliwad,Outgoing Karnataka Assembly Speaker and Congress leader on Siddaramaiah pic.twitter.com/MLGVY7t7Lv
— ANI (@ANI) May 16, 2018
ऐसे में कई राजनीतिक पंडित इस बात के विश्लेषण में लग हैं। जानकारी के मुताबिक आज जब राज्यपाल से मुलाकात की बारी तो सिद्धारमैया वहां नहीं आए। उन्होंने परेश्मरम को भेजा। दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि अगर यह बहस आगे बढ़ी तो बीजेपी इसका फायदा उठा सकती है। कांग्रेस पहले से ही बीजेपी की ओर से अपने विधायकों को मंत्री पद ऑफर करने के आरोप लगा रही है।