Karnataka Assembly Elections 2023: धारवाड़ में कांग्रेस प्रत्याशी नहीं कर सकते हैं निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार, पत्नी-बेटी ने संभाला है जिम्मा, लेकिन क्यों जानिए यहां

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 4, 2023 02:43 PM2023-05-04T14:43:50+5:302023-05-04T14:49:57+5:30

कर्नाटक के धारवड़ से कांग्रेस के प्रत्याशी विनय कुलकर्णी अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए नहीं जा सकते हैं क्योंकि वो हत्या की धारा 302 के आरोपी हैं और कोर्ट ने उनका धारवाड़ प्रवेश प्रतिबंधित कर रखा है।

Karnataka Assembly Elections 2023: Congress candidates in Dharwad cannot campaign in the constituency, wife-daughter has taken over the responsibility, but know why here | Karnataka Assembly Elections 2023: धारवाड़ में कांग्रेस प्रत्याशी नहीं कर सकते हैं निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार, पत्नी-बेटी ने संभाला है जिम्मा, लेकिन क्यों जानिए यहां

फाइल फोटो

Highlightsकर्नाटक के धारवड़ से कांग्रेस के प्रत्याशी विनय कुलकर्णी हत्या की धारा 302 के आरोपी हैंविनय कुलकर्णी पर जिला पंचायत सदस्य योगेश गौड़ा की हत्या का मुकदमा दर्ज हैसुप्रीम कोर्ट ने विनय कुलकर्णी के धारवाड़ में प्रवेश को प्रतिबंधित कर रखा है

बेंगलुरु: कर्नाटक के धारवड़ से दो बार के विधायक रहे पूर्व मंत्री और कांग्रेस के प्रत्याशी विनय कुलकर्णी अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए नहीं जा सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वो हत्या की धारा 302 के आरोपी हैं और कोर्ट ने उन्हें धारवाड़ जिले में प्रवेश न करने का आदेश दिया है। ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार विनय कुलकर्णी की पत्नी और बेटी उनकी जगह पर निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार कर कही हैं।

वहीं कांग्रेस उम्मीदवार कुलकर्णी धारवाड़ जिले में सीमा के बाहर बैठकर सोशल मीडिया के जरिये परिवार द्वारा किये जा रहे चुनावी प्रचार पर नजर बनाये हुए हैं और अपने समर्थकों के बीच सक्रिय हैं। दरअसल विनय कुलकर्णी पर जिला पंचायत सदस्य योगेश गौड़ा की हत्या का मुकदमा दर्ज है। वो इस मामले में धारा 302 के तहत आरोपी है और फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कुलकर्णी के धारवाड़ में प्रवेश को प्रतिबंधित कर रखा है।

हालांकि उन्होंने चुनाव का हवाला देते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट से प्रतिबंध हटाने की मांग की थी लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के शासनकाल में राज्य के खान और भूविज्ञान के मंत्री रहे विनय कुलकर्णी धारवाड़ सीट से दो बार जीत चुके हैं। पहली बार उन्होंने 2004 में बतौर निर्दलीय इस सीट पर कब्जा किया था, वहीं 2013 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था, जबकि दो बार भाजपा भी धारवाड़ की सीट पर कब्जा जमा चुकी है।

विनय कुलकर्णी के निर्वाचन क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबंधित होने के चुनावी बागडोर संभाल रही उनकी पत्नी शिवलीला ने कहा, "मेरे पति लगभग तीन साल से निर्वाचन क्षेत्र से बाहर रह रहे हैं। धीरे-धीरे उनके कई दोस्तों और रिश्तेदारों ने दूरी बना ली तब मैं उनके लिए खड़ी हुई हूं और अकेले अभियान चला रही हूं। मैं उनके पिछले चुनावों में सक्रिय नहीं थी लेकिन इस बार जब सबने साथ छोड़ दिया तो हमने इसे चुनौती की तरह लिया है।"

उन्होंने कहा, "मैं रोजाना ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलती हूं और अपने पति के लिए वोट मांगती हूं। हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोग कंग्रेस पार्टी को वोट दें। जनता अच्छी प्रतिक्रिया दे रही है और विनय कुलकर्णी भारी अंतर से जीत दर्ज करेंगे।" 

वहीं कुलकर्णी की 25 साल की बेटी वैशाली ने कहा, "मैं जब लोगों के बीच में प्रचार के लिए जाती हूं तो दबाव महसूस करती हूं क्योंकि लोग हम पर बहुत अधिक ध्यान देते हैं क्योंकि मेरे पिता निर्वाचन क्षेत्र में नहीं हैं।" परिवार द्वारा किये जा रहे चुनावी प्रचार पर विनय कुलकर्णी ने कहा, "मैं जीत के प्रति आश्वस्त हूं बावजूद इसके अभी तक धारवाड़ में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता प्रचार के लिए नहीं आया है। हम अपने दम पर चुनावी प्रबंधन कर रहे हैं और लोग हमारे साथ हैं।"

मौजूदा भाजपा विधायक अमृत देसाई और उनकी पार्टी के बारे में कांग्रेस प्रत्याशी विनय कुलकर्णी ने कहा कि भाजपा मेरा मखौल उड़ा रही है कि मेरी पत्नी और बेटी चुनावी प्रचार कर रहे हैं। प्रचार में मेरे परिवार को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "भाजपा हमें लगातार परेशान कर रही है। वो हमारे वाहनों और समर्थकों को ट्रैक करते हैं। मेरे करीबी सहयोगियों पर आयकर छापे मारे गये। चुनाव हराने के लिए भाजपा मेरे खिलाफ सारे हथकंडे अपना रही हैं।"

मालूम हो कि धारवाड़ विधानसभा क्षेत्र में कुल 2.17 लाख मतदाता हैं। जिनमें लिंगायत वोट हार-जीत तय करने में अहम माने जाते हैं और 1983 के बाद से किसी भी पार्टी या उम्मीदवार ने इस सीट पर लगातार कब्जा नहीं जमाया है।

Web Title: Karnataka Assembly Elections 2023: Congress candidates in Dharwad cannot campaign in the constituency, wife-daughter has taken over the responsibility, but know why here

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