बेंगलुरु:कर्नाटक में धर्मांतरण रोधी कानून लाने से पहले सरकार ने राज्य में पिछले 25 साल में हुए धर्म परिवर्तन के आंकड़ों पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से एक रिपोर्ट मांगी है.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें सरकार से 30 दिन के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश के साथ पत्र मिला है.
अधिकारी ने आगे कहा कि हमें पुलिस और सामाजिक कल्याण एवं राजस्व विभाग, सभी जिला उपायुक्तों और (पंचायतों के) मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से धर्म परिवर्तन के आंकड़े लाने के निर्देश दिए गए हैं.
विधानसभा सचिवालय से यह पत्र 26 अक्टूबर को जारी किया गया था. यह कदम पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यक कल्याण के लिए कर्नाटक विधानसभा समिति की 13 अक्टूबर की सिफारिशों के आधार पर जारी किया गया.
इससे पहले समिति की अध्यक्षता करने वाले भाजपा विधायक गूलीहट्टी शेखर ने जिला अधिकारियों और पुलिस खुफिया विभाग को राज्य के 1700 चर्चों और प्रार्थना कक्षों की वैधता की जांच करने के लिए एक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था.
हालांकि विवाद होने और एक जनहित याचिका दाखिल होने के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद सरकार ने सर्वेक्षण पर रोक लगा दिया.