करनाल किसान-पुलिस झड़प: एक सदस्यीय जांच आयोग ने जांच शुरू की

By भाषा | Updated: October 11, 2021 21:52 IST2021-10-11T21:52:21+5:302021-10-11T21:52:21+5:30

Karnal farmer-police clash: One-man inquiry commission begins probe | करनाल किसान-पुलिस झड़प: एक सदस्यीय जांच आयोग ने जांच शुरू की

करनाल किसान-पुलिस झड़प: एक सदस्यीय जांच आयोग ने जांच शुरू की

चंडीगढ़, 11 अक्टूबर करनाल के बस्तरा टोल प्लाजा पर हिंसा से पहले के घटनाक्रम की जांच के लिए हरियाणा सरकार की तरफ से गठित एक सदस्यीय आयोग ने सोमवार को अपनी जांच शुरू कर दी।

राज्य सरकार ने पिछले महीने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति सोमनाथ अग्रवाल को जांच आयोग नियुक्त किया था।

करनाल रवाना होने से पहले न्यायमूर्ति अग्रवाल ने कहा कि आयोग जल्द से जल्द जांच पूरी करने और राज्य सरकार को उसकी रिपोर्ट सौंपने का प्रयास करेगा।

यहां एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि चूंकि आयोग को 28 अगस्त को करनाल के बस्तर टोल प्लाजा पर हुई घटना के पूरे घटनाक्रम की जांच करनी है, इसलिए इसमें ‘‘चार से पांच महीने का समय लगेगा।’’

राज्य कैबिनेट के निर्णय की ओर इशारा करते हुए पिछले महीने जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि सरकार ने ‘‘28 अगस्त को करनाल के बस्तरा टोल प्लाजा में हुई घटनाओं की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए’’ आयोग का गठन किया है।

बयान में कहा गया था, "जांच आयोग 28 अगस्त को करनाल में पुलिस की कार्रवाई और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग सहित परिस्थितियों की जांच करेगा।"

इसमें कहा गया था, ‘‘आयोग उक्त स्थिति के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों का भी पता लगाएगा और 28 अगस्त को पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में (आईएएस अधिकारी) आयुष सिन्हा, तत्कालीन सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, करनाल की भूमिका की जांच करेगा।’’

इसमें कहा गया था कि जांच आयोग आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से एक महीने की अवधि के भीतर जांच पूरी करेगा और राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा।

हरियाणा सरकार ने पिछले महीने अगस्त में किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। पुलिस के साथ झड़प में लगभग 10 प्रदर्शनकारी किसान घायल हो गए, जब उन्होंने भाजपा के बैठक स्थल की ओर मार्च करने की कोशिश की थी।

2018 बैच के आईएएस अधिकारी सिन्हा को टेप पर कथित तौर पर पुलिसकर्मियों से यह कहते सुना गया था कि अगर किसान उस जगह के पास बैरिकेड तोड़ते हैं, जहां भाजपा का कार्यक्रम चल रहा है तो वे किसानों के "सिर तोड़" दें।

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Web Title: Karnal farmer-police clash: One-man inquiry commission begins probe

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