कन्नूर/तिरुवनंतपुरम, 10 सितंबर कन्नूर विश्वविद्यालय ने अपने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में आरएसएस के विचारकों की पुस्तकों के कुछ हिस्सों को शामिल करने को लेकर विभिन्न छात्र संघों द्वारा लगाए गए भगवाकरण के आरोपों को शुक्रवार को खारिज किया और विवादास्पद पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए एक बाहरी समिति का गठन कर दिया।
विश्वविद्यालय के कुलपति गोपीनाथ रवींद्रन ने कहा कि दो सदस्यीय समिति से पांच दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है और उसके बाद पाठ्यक्रम पर आगे निर्णय लिया जाएगा।
समिति में बाहरी विशेषज्ञ शामिल हैं जिनका विश्वविद्यालय से संबंध नहीं है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता एमएस गोलवलकर और हिंदू महासभा के नेता वीडी सावरकर की किताबों के कुछ हिस्सों को अपने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में शामिल करने के फैसले पर कन्नूर विश्वविद्यालय को बृहस्पतिवार से विभिन्न छात्र संघों के जोरदार विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है।
रवींद्रन ने मीडिया से कहा, ‘‘भगवाकरण का आरोप पूरी तरह निराधार है। यदि आप कन्नूर विश्वविद्यालय के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाते हैं, तो आप नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के खिलाफ भी इसी तरह के आरोप लगा सकते हैं। वी डी सावरकर जेएनयू के पाठ्यक्रम में भी शामिल हैं।"
कुलपति ने कहा कि पाठ्यक्रम में सावरकर और गोलवलकर को शामिल करने को भगवाकरण के कदम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि क्या उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने इस मुद्दे पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है, कुलपति ने कहा कि वह पहले ही सरकार को जवाब दे चुके हैं।
मंत्री ने तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा कि शैक्षणिक पाठ्यक्रम में सांप्रदायिक सामग्री को जगह देना खतरनाक है।
हालांकि सत्तारूढ़ माकपा की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की विश्वविद्यालय इकाई ने शुरू में पाठ्यक्रम का विरोध नहीं किया, लेकिन इसके प्रदेश अध्यक्ष सचिन देव ने शुक्रवार को कहा कि संगठन मौजूदा पाठ्यक्रम खिलाफ है और आरएसएस के विचारकों की किताबों को शामिल किया जाना ‘‘अस्वीकार्य’’ है।
इससे पहले आज, युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पाठ्यक्रम से विवादास्पद हिस्से को वापस लेने की मांग करते हुए कुलपति को विश्वविद्यालय परिसर में कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया।
जब विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए बाहरी समिति के गठन की सूचना दी तो युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता वहां से चले गए।
कांग्रेस की इकाई केरल स्टूडेंट्स यूनियन (केएसयू) और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की छात्र इकाई मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) ने इस मुद्दे पर गुरुवार को परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
छात्र संघों के अनुसार, विश्वविद्यालय ने एमए गवर्नेंस एंड पॉलिटिक्स के पाठ्यक्रम में ‘बंच ऑफ थॉट्स’ सहित गोलवलकर की किताबों और सावरकर की ‘हिंदुत्व: हू इज ए हिंदू?’ के अंशों को शामिल किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पाठ्यक्रम ‘बोर्ड ऑफ स्टडीज’ द्वारा नहीं, बल्कि थालासेरी ब्रेनन कॉलेज के शिक्षकों द्वारा तैयार किया गया था और इसका निर्णय कुलपति द्वारा लिया गया था।
एमए गवर्नेंस एंड पॉलिटिक्स पाठ्यक्रम कन्नूर विश्वविद्यालय के अंतर्गत केवल ब्रेनन कॉलेज में पढ़ाया जाता है।
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