आदाज भारत के बाद एक-एक कर कई रियासतें देश में आ मिली। किसी की बोली अलग थी तो किसी की संस्कृति मगर पूरा देश सिर्फ एक नाम से जाना गया, भारत। यही कारण है कि भारत देश विविध संस्कृतियों का मिलन है। यहां लोग अपनी संस्कृतियों पर जीते हैं। देश में सिर्फ राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि राजकीय त्योहार को भी बड़े धूम से मनाया जाता है। इन्हीं उत्सवों में से एक है कन्नड़ राज्योत्सव।
कर्नाटक राज्य में आज यानी 1 नवंबर को कन्नड़ राज्योत्सव 2018 की धूम देखी जा सकती है। इस दिन को कर्नाटक का फाउंडेशन डे या स्थापना दिवस भी कहते हैं। 1956 से ही यह त्योहार पूरे राज्य में काफी हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। दक्षिण भारत की सभी क्षेत्रिय भाषाओं का कन्नड़ भाषा में हुआ था। 1 नवंबर 1956 में ही साउथ इंडिया की सारी क्षेत्रिय भाषा कर्नाटक के कन्नड़ भाषा में मिल गई थी। जिससे कर्नाटक को एक अलग पहचान मिली थी इसलिए भी इस दिन को कन्नड़ राज्योत्सव के रूप में मनाया जाता है।
दुनिया में रहने वाले सभी कन्नड़ भाषी लोग इस पर्व को मनाते हैं। कन्नड़ राज्योत्सव के दिन पूरे राज्य में अवकाश घोषित होता है। इसी दिन राज्य सरकार की ओर से भी कई रंगा-रंग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है। इन कार्यक्रमों में सरकार अपने-अपने क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रहे लोगों को सम्मानित करती है। इन लोगों को राज्योत्सव अवॉर्ड से नवाजा जाता है। इसी दिन राज्य का आधिकारिक झंड़ा भी फहराया जाता है।
कन्नड़ भाषा देश की तीसरी सबसे पुरानी बोली जाने वाली भाषा है जबकि पहले और दूसरे स्थान पर संस्कृत और तमिल भाषा हैं।
1. शब्दों पर विश्वास रखिए आत्मा पर गर्व, साथ मिलकर मनाइए कन्नड़ राज्योत्सव 2018
2. शहद की तरह मीठी और पुरानी है अपनी कन्नड़ भाषा,गर्व से कहो हम कन्नड़ है। कन्नड़ महोत्सव की शुभकामनाएं
3. संविधान ने दी आजादीविश्वास, शांती और गर्वउस दिन को मिल कर करें सलाम कन्नड़ महोत्सव की शुभकामनाएं
4. दिमाग की आजादीशब्दों की ताकतखून में शुद्धताआत्मा पर गर्वकर्नाटक की विचारधारा का सलामकन्नड़ राज्योत्सव की बधाई
5. हम युवाओं की ये शपथ हैमरते दम तक भारत माता पर किसी भी तरह का आंच नहीं आने देंगेहैप्पी राज्योत्सव डे