मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि अगर अस्पतालों में मरीज परेशान हुए तो जिम्मेदार अधिकारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देशित किया कि वे सभी जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित करें कि वे अपनी मानसिकता को बदलें और अस्पताल पहुंचने वाले मरीज के इलाज में निष्ठापूर्वक कार्य करें.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज मंत्रालय में बैठक के दौरान मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि वो जिम्मेदार अधिकारियों को अपनी मानसिकता बदलाव लाते हुए निष्ठा पूर्वक काम करने के लिए निर्देशित करें. उन्होंने कहा कि मेरी सरकार में सरकारी अस्पतालों में आने वाले गरीब मरीजों की इलाज में लापरवाही, उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी, अव्यवस्थाएं और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करूंगा.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मरीजों को इलाज के लिए समय पर बेड नहीं मिलना, समय पर इलाज नहीं होना, स्ट्रेचर सहित आवश्यक संसाधनों का सही समय पर नहीं मिलना, बहनों की प्रसूति में लापरवाही की घटनाएं, आवश्यक दवाइयों का नहीं मिलना, डाक्टरों की गैरमौजूदगी, समय पर एंबुलेंस का नहीं मिलना, जिससे मरीजों को होने वाली परेशानियों सहित मरीजों से संबंधित लापरवाही के किसी प्रकार के मामले को मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल प्रशासन व जिम्मेदार डाक्टर्स अपने रवैए में सुधार लाए, अपनी मानसिकता बदलें. अन्यथा अगली कड़ी में कार्यवाही के लिए तैयार रहें. समय-समय पर आकस्मिक निरीक्षण भी होगा. हर व्यवस्था को सुचारू करें. सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स और स्टाफ के साथ साधनों की कमी पर भी रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौपें. जल्द से जल्द खाली पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू कराई जाए. प्रदेश पर स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में लगे बदहाली के दाग को हमें धोना है.
जनता को दिखना चाहिए बदलाव
प्रदेश की जनता को बदलाव दिखना चाहिए. सरकारी अस्पतालों में गरीबों को निशुल्क बेहतर इलाज मिले, यह सुनिश्चित हो. सरकारी अस्पताल अव्यवस्थाओं के अड्डे ना बनकर बेहतर इलाज का स्थान बने. मरीजों को इलाज के लिए भटकना ना पड़े. यह सरकार गरीबों के हितों वाली सरकार है, इसमें गरीबों के इलाज में लापरवाही या किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.