विजयवर्गीय ने यहां संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस ने नवंबर 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान वचन दिया था कि उसकी सरकार बनते ही राज्य के प्रत्येक दूध उत्पादक को पांच रुपये प्रति लीटर बोनस दिया जायेगा। सूबे में हर रोज करीब तीन करोड़ 60 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है। इस लिहाज से दूध उत्पादक किसानों को प्रतिदिन 18 करोड़ रुपये और हर महीने 540 करोड़ रुपये बोनस मिलना चाहिये था।"
उन्होंने आरोप लगाया, "कमलनाथ सरकार ने दूध उत्पादक किसानों के लगभग 5,400 करोड़ रुपये हड़प लिये हैं, क्योंकि पिछले 10 महीनों में उन्हें एक रुपये का बोनस भी नहीं दिया गया है।"
इस बीच, मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता लगातार आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा नीत केंद्र सरकार कमलनाथ सरकार के साथ "सौतेला बर्ताव" कर रही है।
उनका कहना है कि सूबे में अतिवृष्टि और बाढ़ से भारी नुकसान के मद्देनजर कमलनाथ सरकार को केंद्र के खजाने से राहत राशि प्रदान नहीं की गयी है, जबकि बिहार और कर्नाटक को इसी मद में केंद्रीय निधि से वित्तीय सहायता दी गयी है।
कांग्रेस के इस आरोप पर विजयवर्गीय ने कहा, "सूबे में अतिवृष्टि और बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने उचित सर्वेक्षण ही नहीं किया है। ऐसे में केंद्र सरकार किस आधार पर सूबे को मदद की रकम दे सकती है?"