कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने मंगलवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा दिया है। सिंधिया ने खुद ट्वीट कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी है। सिंधिया के इस्तीफे के बाद उनके खेमे के 19 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफे दे दिए हैं। इन 19 विधायकों में पांच मंत्री भी शामिल हैं। इन सभी मंत्रियों ने मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेज दिए हैं। ये विधायक कर्नाटक में हैं और वहीं से बाकायदा एक तस्वीर भी जारी की गई है।
बता दें कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ-सरकार को भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि श्री सिंधिया के वफादार 17 विधायकों ने सोमवार को भाजपा शासित कर्नाटक के लिए एक चार्टर्ड में उड़ान भरी थीं। कर्नाटक जाने वाले विधायकों में से करीब आधा दर्जन कमलनाथ सरकार के मंत्री भी हैं।
अभी की बात करें तो 230 सदस्यीय विधानसभा में 116 के बहुमत के निशान से सिर्फ चार विधायक ज्यादा कमलनाथ सरकार के पास हैं। अभी 114 विधायक कांग्रेस से, दो बसपा से, एक समाजवादी पार्टी से और चार निर्दलीय सरकार के पक्ष में हैं। लेकिन, अब जो स्थिति बनी है उसमें सरकार पर ज्यादा खतरा मंडराते दिख रहा है। वहीं, भाजपा के पास 107 विधायक हैं और वर्तमान में दो सीटें खाली हैं। यदि 17 विधायकों, जो कर्नाटक में हैं वो इस्तीफा देकर बाहर निकल गए, तो कांग्रेस कर्नाटक के बाद से अपना दूसरा राज्य खो देगी।
जानें अधीर रंजन चौधरी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे पर क्या कहा?
ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने उनको राज्यसभा में MP बनने के लिए टिकट दी फिर भी उनको ये रास नहीं आता क्योंकि मोदी जी उनको कह दिए कि तुम्हें हम मंत्री पद देंगे। सिंधिया देख रहे हैं कि मंत्री पद इससे ज्यादा मुनाफे का होगा।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हम उनका सम्मान करते थे कि राजा का बेटा है हार्वर्ड वाले हैं। लेकिन लालच लोगों को कहां से कहां ले जाता है। कांग्रेस में वो जरूर राजा की हैसियत में विराजमान थे लेकिन बीजेपी में जा कर उन्हें जरूर प्रजा बनना पड़ेगा।
मध्य प्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित उनके 27 समर्थक विधायकों के मोबाइल फोन बीती रात (9 मार्च) अचानक बंद होने के बाद बुलाई गई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूद करीब 20 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति आस्था जताते हुए इस्तीफा सौंप दिया था।
सिंधिया समर्थित जिन मंत्रियों के मोबाइल फोन बंद हैं, उनमें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट, श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ। प्रभुराम चौधरी शामिल हैं।