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न्यायमूर्ति सावंत ने अदालतों की स्वायत्तता में योगदान दिया:शरद पवार

By भाषा | Updated: February 15, 2021 17:58 IST

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मुम्बई/पुणे, 15 फरवरी उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पी बी सावंत के निधन पर सोमवार को कई नेताओं ने शोक प्रकट किया तथा राकांपा प्रमुख शरद पवार ने यह सुनिश्चित करने में उनके योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की कि लोकतंत्र में अदालतें स्वायत्त रहें।

न्यायमूर्ति सावंत का सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 90 साल के थे।

न्यायमूर्ति सावंत पुणे में 31 दिसंबर, 2017 में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन के सह-संयोजकों में से एक थे। वह 2002 के गुजरात दंगे की जांच करने वाले एक पैनल का भी हिस्सा थे। वह भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष भी रहे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने कहा कि न्यायमूर्ति सावंत पूरे जीवन में यह सुनिश्चित करने में लगे रहे कि उनकी मेधा से कैसे आम लोगों को मदद मिले। उन्होंने कहा कि उन्होंने संवैधानिक मूल्यों पर भी जोर दिया।

उच्चतम न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एवं राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई की ओर प्रत्यक्ष रूप से इशारा करते हुए पवार ने कहा, ‘‘ पी बी सावंत का महत्व तब अहम हो जाता है जब भारत के एक पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायपालिका में सब गड्डमड्ड होने की बात करते हैं। केवल इंसाफ देने में ही नहीं बल्कि उन्होंने (सावंत ने) सामाजिक क्षेत्रों में भी खड़े अंतिम व्यक्ति के लिए प्रखरता से अपना विचार सामने रखा। ’’

महाराष्ट्र के मंत्रियों-- अनिल देशमुख और बालासाहब थोराट ने भी न्यायमूर्ति सावंत के निधन पर शोक प्रकट किया।

राज्य के गृहंत्री देशमुख ने ट्वीट किया, ‘‘ मशहूर पूर्व न्यायाधीश पी बी सावंत के निधन की खबर पाकर दुख हुआ। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार एवं मित्रों के प्रति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’’

राजस्व मंत्री और कांग्रेस नेता थोराट ने ट्वीट किया, ‘‘.. उन्हें मेरी श्रद्धांजलि। हम सावंत परिवार के दुख में शामिल हैं।’’

राकांपा सासंद सुप्रिया सुले ने कहा कि देश ने एक बड़ा न्यायविद खो दिया।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा, ‘‘ न्यायमूर्ति सावंत को न्यायपालिका और सामाजिक सुधार के प्रति उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा। हमने एक ऐसा शख्स गंवा दिया जो देश के विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर मुखर थे।’’

उन्होंने कहा कि उच्चतम नयायालय से सेवानिवृति के बाद न्यायमूर्ति सावंत ने अपने आपको सामाजिक कार्य के लिए समर्पित कर दिया एवं अभिव्यक्ति की आजादी को मजबूत करने के लिए बड़ा काम किया।

उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश बी जी कोल्से पाटिल ने कहा कि सावंत इस बात का उदाहरण थे कि आदर्श व्यक्ति कैसा होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ चाहे सामाजिक जीवन हो या निजी या न्यायिक जीवन, न्यायमूति सावंत ने कभी कोई गलती नहीं की।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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