5जी के खिलाफ जूही चावला की याचिका खारिज, भरना होगा 20 लाख रु का जुर्माना

By भाषा | Updated: June 4, 2021 21:29 IST2021-06-04T21:29:33+5:302021-06-04T21:29:33+5:30

Juhi Chawla's petition against 5G dismissed, will have to pay a fine of Rs 20 lakh | 5जी के खिलाफ जूही चावला की याचिका खारिज, भरना होगा 20 लाख रु का जुर्माना

5जी के खिलाफ जूही चावला की याचिका खारिज, भरना होगा 20 लाख रु का जुर्माना

नई दिल्ली, चार जून दिल्ली उच्च न्यायालय ने 5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक को चुनौती देने वाली अभिनेत्री जूही चावला की याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया और उन पर तथा सह याचिकाकर्ताओं पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। अदालत ने कहा कि याचिका ‘‘दोषपूर्ण’’, ‘‘कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग’’ और ‘‘प्रचार पाने के लिए’’ दायर की गई थी।

न्यायमूर्ति जे आर मिड्ढा ने कहा कि वादियों - चावला और दो अन्य ने कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग और अदालत का समय बर्बाद किया है।

न्यायाधीश ने कहा कि इस वाद में 5जी तकनीक के कारण स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में जो सवाल उठाए गए हैं, वे ‘‘विचारणीय नहीं है’’ और वाद में ‘‘अनावश्यक, निंदनीय और निरर्थक कथन दिये गये हैं।’’

अदालत ने कहा कि मुकदमा प्रचार पाने के लिए दायर किया गया था जो स्पष्ट है क्योंकि चावला ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सुनवाई के वीडियो कॉन्फ्रेंस लिंक को प्रसारित किया, जिसके परिणामस्वरूप अज्ञात व्यक्तियों द्वारा बार-बार व्यवधान उत्पन्न किया गया।

अदालत ने अज्ञात लोगों के खिलाफ अवमानना नोटिस भी जारी किया और दिल्ली पुलिस से उनकी पहचान करने को कहा।

मामले में दो जून को हुई सुनवाई के दौरान उस समय रूकावट पैदा हो गई थी, जब एक व्यक्ति चावला की पुरानी फिल्मों के गीत गाने लगा था।

ऑनलाइन सुनवाई के दौरान न्यायाधीश के निर्देश पर इस शख्स को हटाए जाने के बावजूद वह दोबारा शामिल होकर बीच-बीच में जूही चावला की फिल्मों के गीत गाने लगा।

आदेश सुनाए जाने के बाद चावला के वकील ने फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने सिरे से खारिज कर दिया।

अभिनेत्री और अन्य की ओर से पेश अधिवक्ता दीपक खोसला ने जुर्माना लगाये जाने पर सवाल उठाया और दलील दी कि यह बिना किसी कानूनी आधार के था।

हालांकि, न्यायमूर्ति ने कहा, ‘‘बहुत खेद है। खारिज किया जाता है। बात खत्म हो गई है। एक वकील के लिए आदेश पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। एक वकील के रूप में आपको अपनी सीमाएं पता होनी चाहिए।’’

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं चावला, सामाजिक कार्यकर्ता वीरेश मलिक और टीना वचानी एक सप्ताह के भीतर दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जुर्माना जमा करायें।

अदालत ने कहा कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा कार्यवाही में तीन बार व्यवधान डाला गया और उनके खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करने का निर्देश दिया तथा दिल्ली पुलिस को उनकी पहचान करने और कार्रवाई करने तथा उसके समक्ष अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है।

अदालत ने यह भी पूछा था कि वाद में 33 पक्षों को क्यों जोड़ा गया और कहा कि कानून के तहत इसकी अनुमति नहीं है।

अदालत ने विभिन्न पक्षों की दलीलें सुनने के बाद वाद पर दो जून को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर कर कहा था कि यदि दूरसंचार उद्योग की 5जी संबंधी योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रतिकूल प्रभाव से नहीं बच सकेगा।

याचिका में दावा किया गया था कि इन 5जी वायरलेस प्रौद्योगिकी योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है।

दूरसंचार विभाग ने कहा था कि 5जी नीति स्पष्ट रूप से कानून में निषिद्ध नहीं है।

निजी दूरसंचार कंपनियों की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि 5जी तकनीक सरकार की नीति है और चूंकि यह एक नीति है, इसलिए यह गलत कार्य नहीं हो सकता।

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Web Title: Juhi Chawla's petition against 5G dismissed, will have to pay a fine of Rs 20 lakh

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