नई दिल्लीः भारतीय रेलवे ने जिंदल स्टील एंड पावर लि. (जेएसपीएल) द्वारा विकसित रेल पटरी की नई श्रेणी को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने द्रुत गति तथा उच्च-एक्सल लोड ऐप्लिकेशंस के लिए रेल पटरी की नई ग्रेड का विकास किया है।
जेएसपीएल ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि वह सफलतापूर्वक 60ई1 1175 हीट ट्रीटेड (एचटी) रेल पटरी का विकास करने वाली पहली और एकमात्र भारतीय विनिर्माता है। यह रेल पटरी तेज गति और उच्च-एक्सल लोड ऐप्लिकेशंस के लिए अनुकूल है।
रेलवे बोर्ड के तहत काम करने वाले अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ने जेएसपीएल द्वारा विकसित रेल पटरी की नई श्रेणी को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने कहा कि भारतीय रेलवे अपनी ट्रैक प्रणाली को 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर उच्च एक्सल लोड के अनुकूल बना रही है।
रेलवे को सालाना 18 लाख टन 60ई 1175 रेल की जरूरत होगी। जेएसपीएल के प्रबंध निदेशक वी आर शर्मा ने कहा, ‘‘पहले देश में विशेष प्रकार की सभी रेल पटरी का आयात किया जाता था। हम रेलवे और मेट्रो रेल निगम की विशेष रेल की जरूरत को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इससे देश स्थानीय स्तर पर विभिन्न ऐप्लिकेशंस की रेल में आत्मनिर्भर बन सकेगा।’’ शर्मा ने कहा कि इस रेल पटरी का इस्तेमाल प्रतिबद्ध ढुलाई गलियारे, बुलेट ट्रेन सहित उच्च एक्सल लोड ऐप्लिकेशन में किया जा सकेगा।
भारत, ताइवान ने पर्वतीय रेलवे के संरक्षण व प्रोत्साहन पर जानकारी साझा की
पर्वतीय रेलवे की विरासत से समृद्ध भारत और ताइवान ने जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं के बीच रेलवे की चल अचल संपत्तियों के संरक्षण पर एक दूसरे के साथ अपने अनुभव और ज्ञान साझा किए। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि यूनेस्को विश्व विरासत में शामिल पर्वतीय रेलवे वाला भारतीय रेल तकनीकी देखरेख और प्रबंधन में आदर्श है वहीं पर्यावरण हितैषी मॉडल विकसित करने में ताइवान का अनुभव बेहतर है।
दोनों पक्षों ने हाल ही में ‘रेलवे सांस्कृति विरासत संरक्षण पर भारत-ताइवान ऑनलाइन फोरम’ के ऑनलाइन सेमिनार में हिस्सा लिया और थीम आधारित विरासत पर्यटन पर चर्चा की। ताइवान का संस्कृति मंत्रालय इस फोरम का आयोजक और प्रायोजक था वहीं रेल मंत्रालय में विरासत निदेशालय, रेलवे बोर्ड सह-आयोजक था। भारत में तीन पर्वतीय रेलवे हैं.... कालका-शिमला रेलवे, दार्जिलिंग हिमालय रेलवे और नीलगिरि पर्वत रेलवे। वहीं ताइवान में आलिशान जंगल रेलवे है।