नयी दिल्ली, दो दिसंबर संसद में मीडियाकर्मियों एवं कैमरामैन के प्रवेश पर कुछ नियंत्रण लगाये जाने को लेकर पत्रकारों ने बृहस्पतिवार को विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि यह आने वाले दिनों में संसद सत्र के दौरान वहां से कार्यवाही को कवर करने पर ‘पूर्ण प्रतिबंध’ लगाने की दिशा में कदम है।
पत्रकारों ने मांग की कि संसद परिसर और प्रेस गैलरी में मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर लगाये गई सभी रोक को तत्काल हटाया जाना चाहिए और उन्हें पेशेवर कर्तव्यों को पूरा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
विरोध प्रदर्शन में कई मीडिया संगठनों से जुड़े संपादकों, पत्रकारों और कैमरामैन ने हिस्सा लिया। इसमें एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया (ईजीआई), प्रेस एसोसिएशन, इंडियन वुमेन प्रेस कोर, प्रेस क्लब आफ इंडिया (पीसीआई) और वर्किंग न्यूज कैमरामैन एसोसिएशन सहित अन्य संगठनों ने हिस्सा लिया।
पिछले वर्ष कोविड-19 फैलने के बाद से सत्र के दौरान प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से नियत संख्या में पत्रकारों, फोटो पत्रकारों, कैमरामैन को संसद परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, प्रेस एसोसिएशन के अध्यक्ष जयशंकर गुप्ता और पीसीआई के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा ने कहा कि वर्ष 2020 में कोविड के नाम पर इस तरह का नियंत्रण एवं रोक लगाने की शुरूआत की गई लेकिन अब काफी समय निकल गया है।
उन्होंने कहा कि अगर इसके खिलाफ विरोध शुरू नहीं किया गया तब इसे परंपरा बना दिया जायेगा।
विरोध प्रदर्शन के बाद पत्रकारों ने एक प्रस्ताव पारित किया और केंद्र सरकार, लोकसभा अध्यक्ष तथा राज्यसभा के सभापति से इस तरह की रोक को तत्काल प्रभाव से हटाने की अपील की।
बाद में पीसीआई अध्यक्ष के नेतृत्व में पत्रकारों के एक शिष्टमंडल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को ज्ञापन सौंपा और उनके प्रवेश को बहाल करने का आग्रह किया।
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