Joshimath: जमीन धंसने और सैकड़ों घरों में दरारें आने से लोग दहशत में, पीएमओ ने की उच्च स्तरीय बैठक, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को किया अलर्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 8, 2023 19:15 IST2023-01-08T19:09:19+5:302023-01-08T19:15:34+5:30

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लगभग 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश देने के एक दिन बाद जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए शनिवार को जोशीमठ का दौरा किया था।

Joshimath PMO holds meeting Central agencies, experts assisting U'khand govt prepare short, medium and long term plans NDRF, 4 SDRF teams  | Joshimath: जमीन धंसने और सैकड़ों घरों में दरारें आने से लोग दहशत में, पीएमओ ने की उच्च स्तरीय बैठक, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को किया अलर्ट

जमीन धंसने और सैकड़ों घरों में दरारें आने से लोग दहशत में हैं।

Highlightsप्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।जमीन धंसने और सैकड़ों घरों में दरारें आने से लोग दहशत में हैं।

नई दिल्लीः केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ जोशीमठ में स्थिति से निपटने के लिए लघु, मध्यम और दीर्घकालीन अवधि की योजनाएं तैयार करने में उत्तराखंड सरकार की मदद कर रहे हैं। अधिकारियों ने रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की चार टीम पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं, जहां जमीन धंसने और सैकड़ों घरों में दरारें आने से लोग दहशत में हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

सीमा प्रबंधन सचिव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सोमवार को उत्तराखंड का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे। उन्होंने बताया कि एनडीएमए, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों की एक टीम स्थितियों का अध्ययन करेगी और सिफारिशें देगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा द्वारा आयोजित बैठक के दौरान उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने पीएमओ को जानकारी दी।

समीक्षा बैठक में कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों ने हिस्सा लिया। जोशीमठ के जिला अधिकारियों के अलावा उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक में भाग लिया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लगभग 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश देने के एक दिन बाद जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए शनिवार को जोशीमठ का दौरा किया था। धामी ने कहा था कि जोशीमठ संस्कृति, धर्म और पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है और इसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। 

जोशीमठ भूस्खलन-धँसाव क्षेत्र घोषित, 60 से अधिक परिवारों को निकाला गया: अधिकारी

उत्तराखंड के जोशीमठ को भूस्खलन और धँसाव क्षेत्र घोषित किया गया है तथा दरकते शहर के क्षतिग्रस्त घरों में रह रहे 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंचाया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने हिमालयी शहर में चार-पांच स्थानों पर राहत केंद्र स्थापित किए हैं तथा कम से कम 90 और परिवारों को निकाला जाना है। इस बीच, चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में घर-घर गए और दरार वाले मकानों में रह रहे लोगों से राहत केंद्रों में जाने की अपील की।

कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जोशीमठ को भूस्खलन-धँसाव क्षेत्र घोषित किया गया है और प्रभावित घरों में रह रहे 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि नुकसान के स्तर को देखते हुए कम से कम 90 और परिवारों को जल्द से जल्द निकालना होगा।

बृहस्पतिवार से जोशीमठ में डेरा डाले हुए कुमार जमीनी स्तर पर स्थिति की निगरानी करने वाली एक समिति के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में कुल 4,500 इमारतें हैं और इनमें से 610 में बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे वे रहने लायक नहीं रह गई हैं। उन्होंने कहा कि एक सर्वेक्षण चल रहा है और प्रभावित इमारतों की संख्या बढ़ सकती है।

कुमार ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र और उन घरों जिनमें पहले दरारें पड़ गई थीं तथा जिनमें हाल में दरारें पड़ी हैं, की वजह से एक बड़ी चापाकार आकृति बन गई है जो 1.5 किलोमीटर के दायरे में फैली हो सकती है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में चार-पांच सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी राहत केंद्र बनाए गए हैं।

कुमार ने कहा कि कुछ और इमारतों, जिनमें कुछ होटल, एक गुरुद्वारा और दो इंटर कॉलेज शामिल हैं, को अस्थायी आश्रयों के रूप में इस्तेमाल करने के लिए अधिगृहीत किया गया है, जिनमें लगभग 1,500 लोग रह सकते हैं। गढ़वाल के आयुक्त ने कहा, "जोशीमठ में काफी समय से जमीन धँसने की घटनाएं धीरे-धीरे हो रही हैं, लेकिन पिछले एक हफ्ते में इसकी गति बढ़ गई है और घरों, खेतों तथा सड़कों में बड़ी दरारें दिखाई दे रही हैं।"

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