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जेएनयू मामला: तीन प्राध्यापकों ने दायर की जनहित याचिका, 13 जनवरी को होगी सुनवाई

By भाषा | Updated: January 11, 2020 07:13 IST

याचिका में व्हाट्सएप ग्रुप ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ और ‘फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस’ से संबंधित व्हाट्सएप इंक, गूगल इंक और एप्पल इंक के पास उपलब्ध सभी सामग्री या सबूत के संरक्षण और फिर से प्राप्त के लिए निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। इसमें मेसेज, फोटो, वीडियो और फोन नम्बर शामिल हैं।

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ठळक मुद्देयाचिका 13 जनवरी को न्यायमूर्ति ब्रजेश सेठी के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई है। याचिका अमीत परमेश्वरन, अतुल सूद और शुक्ला विनायक सावंत द्वारा दायर की गई है।इसमें दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली सरकार को आवश्यक निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के तीन प्राध्यापकों ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर विश्वविद्यालय परिसर में पांच जनवरी को हुए हमले के मामले में डाटा, सीसीटीवी फुटेज और अन्य संबंधित साक्ष्य सुरक्षित रखने के निर्देश दिये जाने का अनुरोध किया।

याचिका में व्हाट्सएप ग्रुप ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ और ‘फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस’ से संबंधित व्हाट्सएप इंक, गूगल इंक और एप्पल इंक के पास उपलब्ध सभी सामग्री या सबूत के संरक्षण और फिर से प्राप्त के लिए निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। इसमें मेसेज, फोटो, वीडियो और फोन नम्बर शामिल हैं।

याचिका 13 जनवरी को न्यायमूर्ति ब्रजेश सेठी के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई है। याचिका अमीत परमेश्वरन, अतुल सूद और शुक्ला विनायक सावंत द्वारा दायर की गई है। इसमें दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली सरकार को आवश्यक निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

अधिवक्ताओं अभीक चिमनी, मानव कुमार और रोशनी नंबूदरी के माध्यम से दायर याचिका में दिल्ली पुलिस को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वह जेएनयू परिसर में लगे सभी सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करे। गत पांच जनवरी को नकाबपोशों के एक समूह ने विश्वविद्यालय परिसर में हमला किया था और तीन छात्रावासों को निशाना बनाया था। इन नकाबपोशों ने छात्रों पर डंडों, लोहे की छड़ से हमला किया था और खिड़कियों, फर्नीचर और व्यक्तिगत सामानों को नुकसान पहुंचाया था।

घटना के मामले में वसंतकुंज (उत्तर) पुलिस थाने में तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। याचिका में दावा किया गया कि यह स्पष्ट है कि हिंसा की उक्त घटना से संबंधित महत्वपूर्ण मात्रा में डाटा, सूचना, साक्ष्य और सामग्री व्हाट्सएप के प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचारित की गई थी तथा उसका बैकअप डाटा हिंसा की घटनाओं के संबंध में एक महत्वपूर्ण सबूत है।

याचिका में कहा गया, ‘‘इसके लिए ताकि प्रासंगिक सबूत संरक्षित किया जाए, जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने प्रतिवादी नम्बर एक (पुलिस आयुक्त), तीन (व्हाट्ऐप) और चार (गूगल) को अनुरोध भेजे और उनसे अनुरोध किया कि ये सामग्री जांच उद्देश्य के लिए संरक्षित की जाए।’’

इसमें दावा किया गया कि हालांकि, पुलिस ने न तो याचिकाकर्ताओं में से एक के अनुरोधों और न ही जेएनयूटीए के ओर से किये गए ऐसे अनुरोधों का ही कोई जवाब दिया है और न ही उनसे या किसी अन्य से सम्पर्क किया। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं को आशंका है कि अदालत या पुलिस आयुक्त से निर्देश के अभाव में संबंधित साक्ष्य को ठीक से संरक्षित नहीं किया जाएगा। इसने दावा किया कि याचिकाकर्ताओं की जानकारी और खबरों के अनुसार, पुलिस ने अभी तक सीसीटीवी फुटेज को प्राप्त नहीं किया है, जो एक महत्वपूर्ण सबूत है। 

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