जेएनयू हिंसा: नौ छात्रों की संदिग्ध के रूप में पहचान, आइशी घोष समेत 7 छात्र वाम संगठनों के

By भाषा | Updated: January 11, 2020 06:53 IST2020-01-11T06:53:31+5:302020-01-11T06:53:31+5:30

पुलिस की प्रारंभिक जांच और विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा नौ संदिग्धों की तस्वीरें जारी किए जाने पर तीन केंद्रीय मंत्रियों-प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी ने कहा कि पुलिस द्वारा जुटाए गए सबूतों से वाम संगठनों के इरादों का खुलासा हो गया है।

JNU Violence: Nine students identified as suspects, seven from left organizations including Ghosh | जेएनयू हिंसा: नौ छात्रों की संदिग्ध के रूप में पहचान, आइशी घोष समेत 7 छात्र वाम संगठनों के

जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष।

Highlightsजिन लोगों की संदिग्ध के रूप में पहचान हुई है, उनमें वाम संगठनों से जुड़े डोलन सामंता, प्रिय रंजन, सुचेता तालुकदार, आइशी घोष, भास्कर विजय मेच, चुनचुन कुमार (पूर्व छात्र) और पंकज मिश्रा शामिल हैं। अन्य दो संदिग्धों की पहचान विकास पटेल और योगेंद्र भारद्वाज के रूप में हुई है जो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हैं।

दिल्ली पुलिस ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में हिंसा के संबंध में नौ छात्रों की पहचान संदिग्ध के रूप में की है जिनमें से विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित सात छात्र वाम संगठनों से जुड़े हैं। हालांकि, इसने छात्रों और शिक्षकों पर हुए नकाबपोश लोगों के हमले को लेकर अब तक किसी समूह का नाम नहीं लिया है जिसमें 36 लोग घायल हो गए थे।

पुलिस की प्रारंभिक जांच और विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा नौ संदिग्धों की तस्वीरें जारी किए जाने पर तीन केंद्रीय मंत्रियों-प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी ने कहा कि पुलिस द्वारा जुटाए गए सबूतों से वाम संगठनों के इरादों का खुलासा हो गया है। वहीं, वाम नेताओं ने दिल्ली पुलिस पर सरकार की कठपुतली होने का आरोप लगाया और कहा कि अब भी यह प्रश्न बना हुआ है कि रविवार को जेएनयू के साबरमती हॉस्टल में हिंसा करने वाले नकाबपोश कौन थे।

पुलिस ने यह भी दावा किया कि पांच जनवरी की हिंसा ऑनलइन पंजीकरण प्रक्रिया से जुड़ी थी और जेएनयू में एक जनवरी से ही तनाव था। एसआईटी के प्रमुख, पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) जॉय टिर्की ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि एसएफआई, आइसा, डीएसएफ और एआईएसएफ से जुड़े छात्रों ने हाल में शीतकालीन सत्र के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू होने पर हंगामा काटा था और छात्रों को डराया था।

जिन लोगों की संदिग्ध के रूप में पहचान हुई है, उनमें वाम संगठनों से जुड़े डोलन सामंता, प्रिय रंजन, सुचेता तालुकदार, आइशी घोष, भास्कर विजय मेच, चुनचुन कुमार (पूर्व छात्र) और पंकज मिश्रा शामिल हैं। अन्य दो संदिग्धों की पहचान विकास पटेल और योगेंद्र भारद्वाज के रूप में हुई है जो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हैं।

हालांकि, किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है। टिर्की ने कहा कि सभी संदिग्धों को नोटिस भेजे जाएंगे। मीडिया ब्रीफिंग के बाद उन्होंने कोई सवाल नहीं लिया। अधिकारी ने कहा कि घोष और आठ अन्य पांच जनवरी को पेरियार हॉस्टल में हुई हिंसा में शामिल थे। उन्होंने कहा कि ऐसा माना जाता है कि एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ बना है। जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने दिल्ली पुलिस पर हिंसा को ‘‘कमतर’’ कने का आरोप लगाया और कहा कि यह व्यथित करने वाला है।

कांग्रेस ने भी दिल्ली पुलिस पर हमला बोला और कहा कि स्पष्ट है कि वह सरकार के प्रभाव में है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हिंसा में जेएनयू छात्रों की संलिप्तता दुर्भाग्यपूर्ण है। वाम संगठनों से जुड़े छात्रों पर आरोपों को खारिज करते हुए जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। हिंसा में घोष भी घायल हुई थीं।

उन्होंने कहा कि उनके पास भी इस बात के सबूत हैं कि उन पर किस तरह हमला हुआ। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात के बाद घोष ने कहा कि वह कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाने की मांग पर अब भी कायम हैं। टिर्की ने स्वीकार किया कि सीसीटीवी फुटेज की कमी जांच में बड़ी बाधा थी। यह इसलिए नहीं मिल सकी क्योंकि वाई फाई प्रणाली खराब कर दी गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि क्योंकि हॉस्टल के कमरों को विशेष तौर पर निशाना बनाया गया, इसलिए भीतरी व्यक्ति का हाथ होने का संकेत मिलता है।

Web Title: JNU Violence: Nine students identified as suspects, seven from left organizations including Ghosh

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