जेएनयू रेक्टर (प्रो-वाइस चांसलर) चिंतामणि महापात्रा ने रविवार को कैंपस में नकाबपोश गुंडों द्वारा की गई हिंसा को "सर्जिकल स्ट्राइक" कहा है। इस विवादित बयान के माध्यम से महापात्रा ने जेएनयू की घटना को एक तरह से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ हुए हमले की तरह बताया है। हालांकि, महापात्रा ने कहा कि हमलावर ज्यादातर बाहरी थे।
बता दें कि नकाबपोशों के हमले में दर्जनों घायल हो गए। सशस्त्र हमलावरों ने रविवार रात परिसर के अंदर भगदड़ करते हुए वहां मौजूद शिक्षकों और छात्रों को निशाना बनाया।
इंडिया टुडे रिपोर्ट की मानें तो एक तरफ जहां जेएनयू छात्रसंघ इस घटना के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को व्यापक रूप से दोषी ठहरा रहा है। वहीं, एबीवीपी संगठन वीडियो व ट्वीट करके इस घटना के लिए वामपंथी छात्र समूहों पर उंगली उठा रहा है।
इसके अलावा, वामपंथी छात्र संगठनों ने जेएनयू की घटना के लिए एबीवीपी जिम्मेदार बताते हुए उसे "आतंकवादी संगठन" कहा है।
दिल्ली पुलिस अब नकाबपोश हमलावरों को ट्रैक करने के लिए चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रही है। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस हिंसा के लिए ज़िम्मेदारी ले रहे हिंदू समूह के दावे की भी जांच कर रहा है।
वहीं, जेएनयू के वाइस-चांसलर, एम जगदीश कुमार के इस्तीफे के लिए छात्र आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि, जगदीश कुमार ने रविवार की घटना को "दर्दनाक" कहा था।