दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में विरोध प्रदर्शन के बाद हिरासत में लिये गये कई छात्रों को देर शाम छोड़ दिया गया। साथ ही दूसरी ओर मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने सोमवार को तीन सदस्यीय एक समिति गठित की, जो जेएनयू की सामान्य कार्यप्रणाली बहाल करने के तरीकों पर सुझाव देगी।
इससे पहले सोमवार को छात्रों के संसद मार्च का असर दिल्ली की ट्रैफिक पर भी पड़ा। दिल्ली में उद्योग भवन, पटेल चौक और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया। हालांकि, देर शाम इसे खोल दिया गया।
साथ ही दिल्ली में कुछ जगहों पर लोगों को ट्रैफिक जाम का भी सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा प्रभावित अरविंदो मार्ग और रिंग रोड रहे। एम्स और सफदरजंग अस्पताल के आसपास भी जाम लगा लगा रहा।
जेएनयू छात्रों का संसद मार्च
जेएनयू के छात्र बड़ी संख्या में सोमवार सुबह संसद मार्च के लिए निकले हालांकि, फिलहाल पुलिस ने इन्हें सफदरजंग के मकबरे के पास रोक लिया है। विश्वविद्यालय के छात्र, छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे अपनी मांगों की तरफ संसद का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सड़क पर उतरे।
छात्रों का कहना है कि जब तक सरकार शुल्क वृद्धि वापस नहीं ले लेती है तब तक वे प्रदर्शन करते रहेंगे। संसद की ओर से मार्च के दौरान कई छात्र अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए हैं और नारेबाजी कर रहे हैं।
विश्वविद्यालय के छात्र छात्रावास नियमावली के खिलाफ पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस नियमावली में छात्रावास के शुल्क में वृद्धि, ड्रेस कोड और आने-जाने का समय तय करने के नियम वाले प्रावधान हैं। बता दें कि छात्रों के विरोध को देखते हुए पहले ही प्रशासन ने संसद के आसपास के क्षेत्रों में धार 144 लगा दी थी।
पुलिस-छात्रों में झड़प
इस पूरे प्रदर्शन के दौरान दिनभर में कई बार छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई। पुलिस को कुछ मौकों पर बल का भी प्रयोग करना पड़ा। साथ ही कई छात्रों को भी हिरासत में लिया गया। जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा, 'दिल्ली पुलिस ने संसद भवन की तरफ जा रहे शांतिपूर्ण मार्च को रोक दिया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, समिति गठित कर छात्रों को मूर्ख बना रहा है। जब तक बातचीत हो रही है तब तक के लिए समिति शुल्क वृद्धि को खत्म क्यों नही कर देती है? हम लोग शुल्क वृद्धि को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।'
(भाषा इनपुट)