पकौड़ा तलने के चलते JNU में NSUI के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का नामांकन रद्द, वीसी पर लगाए गंभीर आरोप
By जनार्दन पाण्डेय | Updated: September 8, 2018 16:26 IST2018-09-08T16:26:07+5:302018-09-08T16:26:07+5:30
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव को लेकर इस वक्त वश्विविद्यालय में चहल-पहल है। विकास अपनी प्रेसिडेंसियल डिबेट की तैयारी शुरू कर चुके थे।

जेएनयू के एनएसयूआई नेता विकास यादव
नई दिल्ली, 8 सितंबरः दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्रसंघ चुनावों में कांग्रेस के स्टूडेंट विंग नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के उम्मीदवार विकास यादव का नमांकन रद्द कर दिया है। उन पर विश्वविद्यालय परिसर में पकौड़ा तलने का कार्यक्रम आयोजित करने का एक मामला पहले रहा है। के मुताबिक इसी मामले को लेकर उनका नामांकन रद्द किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इसी साल एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पकौड़े तलने को रोजगार बताया था। इसके बाद कई जगहों पर युवाओं ने पकौड़े तलकर इसका विरोध किया था। उसी दौर में जेएनयू में अपना विरोध जताने के लिए छात्र विंग एनएसयूआई ने भी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था। नेता विकास यादव ने भी विवि के भीतर एक पकौड़ा तला था। जेएनयू की छात्रसंघ चुनाव समिति के अनुसार इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने कई छात्रों पर कार्रवाई की थी।
पकौड़े तलने के मामले में विकास को 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। चुनाव समति ने इसी मामले को ध्यान में रखकर विकास का नामांकन रद्द कर दिया है। चुनाव समिति ने विकास को ईमेल के जरिए इसका जवाब भेजा। विवि के चुनाव नियमानुसार किसी ऐसे छात्र को छात्रसंघ चुनाव में प्रत्याशी के रूप में नहीं स्वीकारा जा सकता, जिस पर जेएनयू प्रशासन ने दंडात्मक कार्रवाई की हो।
हालांकि विकास यादव का कहना है कि चुनाव समिति ने उनके साथ पक्षपात किया है। क्योंकि पकौड़ा तलने के मामले में वह दिल्ली हाईकोर्ट तक रुख पहले ही कर चुके हैं, जिसमें कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को फटकार लगाई और मामले की जांच के समिति का गठन करने को कहा था। विकास ने बताया कि नामांकन के वक्त चुनाव समिति को पकौड़ा तलने के मामले में हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी लगाई गई थी। इसके बावजूद चुनाव समिति ने उनका नामांकन रद्द कर दिया।
आरएसएस के इशारे पर काम कर रही है जेएनयू चुनाव समिति
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान ने इस मामले को सीधे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर के हस्तेक्षेप का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जेएनयू की चुनाव समिति आरएसएस के इशारे पर काम कर रही है। साथ ही उन्होंने जेएनयू के प्रशासन पर भी आरएसएस से मिले होने और चुनाव को प्रभावित होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा वह मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे।
चुनाव समिति अभी भी जांच का दे रही है हवाला
मामले को तुल पकड़ता देख चुनाव समिति ने फिलहाल मामले को ठंडे बस्ते में नहीं डाला है। चुनाव समिति के अध्यक्ष हिमांशु कुलश्रेष्ठ का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। उनके अनुसार समिति ने एक पत्र लिखकर विवि प्रशासन से मामले पर रुख स्पष्ट करने को कहा है। साथ ही विकास यादव की हिस्ट्री भी मांगी गई है। लेकिन प्रथम दृष्टतया विकास का नामांकन स्वीकार योग्य नहीं है। क्योंकि उन्हें एक मामले में दंडित किया जा चुका है।
चरम पर हैं चुनाव तैयारियां
जेएनयू में आगामी 14 सितंबर को छात्रसंघ चुनाव होने हैं। इस बाबत तैयारियां जोरों पर हैं। एनएसयूआई के सभी दिग्गज कार्यकर्ता अब दिल्ली में अड्डा डाल चुके हैं। एनएसयूआई के सोशल मीडिया प्रभारी गुलजेब के अनुसार टीम 200 से अधिक जेएनयू के वाह्सएप्स ग्रुप्स व फेसबुक-ट्विटर आदि पर प्रचार कर रही है। हालांकि ऐसे में उनके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का नामांकन रद्द होना बड़ा झटका है।
विकास यादव को जेएनयू में एनएसयूआई की उम्मीद की तौर पर देखा जाता है। वह सोशल मीडिया आदि में ज्यादा सक्रिय नहीं रहते, बल्कि इससे ज्यादा व विश्वविद्यालय परिसर और शैक्षिणिक व राजनैतिक गतिविधियों में संलिप्त रहते हैं। विकास को बेहतर छात्र भी माना जाता है। लेकिन उनकी राजनैतिक घटनाएं उनकी जिंदगी में विवाद लेकर आती हैं।
पकौड़े तलने का विवाद भी उनकी राजनैतिक घटनाओं में से ही एक था। यह छात्र संगठन का कार्यक्रम था, जिसमें विकास ने हिस्सा लिया था।