दिल्ली पुलिस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों के दो समूहों के बीच हुई झड़प के बाद जेएनयू प्रशासन के अनुरोध पर रविवार को परिसर में प्रवेश किया। अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस बुलाई थी।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने रविवार को कहा कि लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश उपद्रवी परिसर के अंदर घूम रहे थे और वहां संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ लोगों पर हमले कर रहे थे जिसके बाद कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा।
जेएनयू परिसर में रविवार शाम हिंसा भड़कने के बाद जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘पूरे जेएनयू समुदाय के लिए अत्यावश्यक संदेश है और परिसर में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो गयी है। लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश उपद्रवी आसपास घूम रहे हैं, संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं और लोगों पर हमले कर रहे हैं। जेएनयू प्रशासन ने व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस को बुलाया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह शांति बनाये रखने और चौकन्ना रहने का क्षण है। उपद्रवियों से निपटने के लिए प्रयास चल रहे हैं।’’
जेएनयू में हिंसा की खबर सुनकर स्तब्ध: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा की घटना पर दुख जताते हुए कहा कि अगर विश्वविद्यालय परिसर के अंदर छात्र सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश कैसे प्रगति करेगा।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘मैं जेएनयू में हिंसा के बारे में जानकर स्तब्ध हूं। छात्रों पर जघन्य तरीके से हमला किया गया। पुलिस को हिंसा तत्काल रोकनी चाहिए और शांति बहाल करनी चाहिए। अगर हमारे छात्र विश्वविद्यालय परिसर के अंदर सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश कैसे प्रगति करेगा।’’
सूत्रों के मुताबिक जेएनयू छात्रसंघ और एबीवीपी के सदस्यों के बीच रविवार को झड़प हो गयी। दोनों पक्षों ने हमले के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है।