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LOC को पार कर रहे आतंकी, कमांडर ले जनरल बीएस राजू बोले- 30-40 की संख्या में घुसे, 300 से ज्यादा प्रशिक्षण शिविर

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: October 10, 2020 17:05 IST

जनरल राजू ने कहा कि हालांकि पिछले साल अक्तूबर महीने तक 130 से ज्यादा आतंकी एलओसी को पार करने में कामयाब हुए थे लेकिन इस बार यह संख्या 30-40 के करीब ही है।

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ठळक मुद्देकहना था कि आतंकी कश्मीर में एक बार फिर भर्तियां करने में कामयाब हो रहे हैं। 300 से ज्यादा आतंकी उस पार प्रशिक्षण शिविरों में घुसपैठ का इंतजार कर रहे हैं जिन्हें पाक सेना अपनी अग्रिम चौकिओं पर लाई हुई है। पाक सेना की कोशिश इन सबको बर्फबारी से पूर्व इस ओर धकेलने की है पर भारतीय सेना ने सभी घुसपैठ के रास्तों पर नकेल डाल दी है।

जम्मूः सेना की 15वीं कोर के कोर कमांडर ले जनरल बीएस राजू का कहना है कि तमाम कोशिशों के बावजूद एलओसी को पार करने में आतंकी कामयाब हो ही रहे हैं। साथ ही उनका कहना था कि आतंकी कश्मीर में एक बार फिर भर्तियां करने में कामयाब हो रहे हैं।

एक संवाददाता सम्मेलन में जनरल राजू ने कहा कि हालांकि पिछले साल अक्तूबर महीने तक 130 से ज्यादा आतंकी एलओसी को पार करने में कामयाब हुए थे लेकिन इस बार यह संख्या 30-40 के करीब ही है। वे कहते थे कि एलओसी पर दिक्कत यह है कि कई इलाकों में भौगोलिक परिस्थितियों के कारण तारबंदी भी अधिक प्रभावी नहीं हो पा रही है।

वे कहते थे कि 300 से ज्यादा आतंकी उस पार प्रशिक्षण शिविरों में घुसपैठ का इंतजार कर रहे हैं जिन्हें पाक सेना अपनी अग्रिम चौकिओं पर लाई हुई है। जनरल का कहना था कि पाक सेना की कोशिश इन सबको बर्फबारी से पूर्व इस ओर धकेलने की है पर भारतीय सेना ने सभी घुसपैठ के रास्तों पर नकेल डाल दी है। हालांकि वे कहते थे कि आतंकी भर्तियों पर नकेल नहीं डाली जा सकी है। जनरल राजू कहते थे कि पिछले करीब एक महीने से आतंकी गुटों में भर्तियां फिर से तेज हो गई हैं। उनके मुताबिक, पिछले करीब 6 महीनों से यह नगण्य थी लेकिन अचानक इसमें बिजली सी तेजी आ गई है। वे इसके प्रति कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाते थे कि अचानक आतंकी बनने का जुनून फिर से क्यों हिलौरे मार रहा है।

एलओसी पर होने वाले सीजफायर उल्लंघनों के प्रति उनका कहना था कि भारतीय जवान प्रत्येक उल्लंघन का अब मुहंतोड़ उत्तर दे रहे हैं ताकि पाक सेना को सबक सिखाया जाए। उनका दावा था कि भारतीय पक्ष कभी भी सीजफायर उल्लंघन की पहल नहीं करता है और हर बार इसकी शुरूआत पाक सेना द्वारा ही होती है। जनरल राजू कहते थे कि पाकिस्तानी सेना अब कश्मीर में हथियार पहुंचाने के नए नए तरीके तलाश कर रही है क्योंकि स्थानीय तौर पर भर्ती किए जाने वाले आतंकियों को हथियारों की जबरदस्त कमी महसूस हो रही है।

दरअसल सुरक्षाबलों के आप्रेशनों के कारण कई आतंकी मारे जा चुके हैं, उनसे हथियार बरामद किए जा चुके हैं और उस पार से हथियारों की खेपें आनी रूक गई है। जनरल के बकौल, यही कारण है कि पाक सेना कभी सुरंग के रास्ते तो कभी ड्रोन से इस ओर हथियार फेंक रही है तथा अब उसने एलओसी पर बहने वाले नदी नालों का इस्तेमाल करते हुए टयूबों के जरिए भी हथियार व गोला बारूद भिजवाना आरंभ किया है।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरआतंकवादीपाकिस्तानइमरान खानभारतीय सेना
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