जम्मू-कश्मीर के पुलवामा 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के सदमें से देश बाहर भी नहीं आया था कि जम्मू कश्मीर में पुलवामा जिले के पिंगलिना क्षेत्र में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच सोमवार(18 फरवरी) को हुए मुठभेड़ में पांच जवान शहीद हो गए हैं। कश्मीर के दो स्थानीय नागरिकों की भी मौत हो गई है।
ये मुठभेड़ 18 फरवरी की सुबह 4 बजकर 23 मिनट से चली है। हालात को देखते हुए पूरे इलाके में सुरक्षा को बढ़ा दी गई है। इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। सुरक्षाबलों द्वारा लगातार आतंकवादियों पर गोलियां बरसाई जा रही हैं। इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस इलाके में दो से तीन आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। पुलवामा हमले के बाद जम्मू में तनाव के चलते चौथे दिन कर्फ्यू जारी है। चार शहीद हुए जवानों में एक मेजर रेंज के ऑफिसर थे। इसके साथ ही तीन जवान शहीद हेड कांस्टेबल हैं। एक जवान के घायल होने की भी खबर है।
मुठभेड़ में दोनों तरफ से फायरिंग की जा रही है। खबर है कि इस मुठभेड़ में कश्मीर के एक आम नागरिक की भी मौत हो गई है। सभी शहीद जवान 55 राष्ट्रीय राइफल्स के थे। मुठभेड़ में मारे जाने वालों में मेजर डीएस डौंडियाल, हेड कॉन्स्टेबल सेव राम, सिपाही अजय कुमार और सियोय हरि सिंह शामिल थे।
14 फरवरी को हुआ पुलवामा में भी आतंकी हमला
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में अब तक 40 जवानों शहीद हुए हैं। जिनमें से 38 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है और 42 जवानों के नाम सामने आए हैं। इस आतंकवादी हमले में 40 से ज्यादा जवान घायल हुए हुए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सीआरपीएफ की बसों पर आतंकवादियों ने निशाना बनाया और उन्हें आईईडी से उड़ा दिया। ऐसा माना जाता है कि इस पूरे हमले की योजना एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान ने बनायी थी जो जैश ए मोहम्मद का सदस्य है । कामरान, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, अवंतीपुरा तथा त्राल इलाके में सक्रिय है।