ट्रेन ड्राइवर की सूझबूझ से बची महिला की जान, लाल कपड़ा देखकर लगाई इमरजेंसी ब्रेक
By एस पी सिन्हा | Updated: October 22, 2018 19:27 IST2018-10-22T19:27:30+5:302018-10-22T19:27:30+5:30
कहावत है कि "जाको राखे साईयां, मार सके ना कोय"। यह कहावत चरितार्थ हुई भागलपुर जिले के भागलपुर और सबौर स्टेशन के बीच बहादुरपुर के नजदीक।

ट्रेन ड्राइवर की सूझबूझ से बची महिला की जान, लाल कपड़ा देखकर लगाई इमरजेंसी ब्रेक
कहावत है कि "जाको राखे साईयां, मार सके ना कोय"। यह कहावत चरितार्थ हुई भागलपुर जिले के भागलपुर और सबौर स्टेशन के बीच बहादुरपुर के नजदीक। दरअसल, पारिवारिक विवाद से अजीज आकर पीड़िता ट्रेन से कटने गई थी। मगर, धुलियान पैसेंजर के ड्राइवर ने दूर से ही लाल रंग का कपडा देख ट्रेन रोक दिया।
दरअसल, लाल रंगा का दूसरा कोई कपड़ा नहीं था बल्कि वह सलवार सूट था जो पीड़िता पहन कर आत्महत्या करने ट्रैक पर पहुंची थी। आत्महत्या करने से वंचित रही महिला के लिए तो लाल रंग का सलवार सूट ऐसे तो वरदान साबित हुआ। लेकिन, वह बोली हमें मरने भी नहीं दिया गया। यहां भी धोखा मिला।
स्थानीय लोगों ने महिला को जब आत्महत्या करने की कोशिश करते देखा तो जीरोमाईल थाना को सूचित किया। मौके पर पुलिस पहुंच कर महिला को थाना ले गई जहां उनके परिवार को बुलाया गया और समझा बुझाकर पति के साथ वापस भेजा गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भागलपुर से सबौर की ओर आ रही धुलियान पैसेंजर के चालक को लाल सूट पहनी महिला पर नजर पडी।
चालक ने आगे खतरा समझ, सूझबूझ का परिचय देते हुए पहले हॉर्न बजाया। लेकिन, महिला टस से मस नहीं हुई। आपातकाल ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका गया। पूछने पर महिला ने बताया कि ससुराल वालों की प्रताडना से तंग आकर अपनी जान देने आयी है। लाल रंग का सलवार सूट ने ट्रेन हादसा होने से बचा लिया है। इसे कहते हैं कुदरत का करिशमा।