रांची: कोरोना वायरस के कहर के कारण राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव रांची स्थित रिम्स के एक छोटे से कमरे में कैद रहने को मजबूर हो गये हैं. राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में इलाजरत लालू पेइंग वार्ड के कमरे से दस दिनों से बाहर नहीं निकले हैं. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए उनके टहलने पर रोक लगा दिया गया है. जिसके कारण उनका शुगर बढ़ गया है. जिसके बाद डॉक्टरों ने इंसुलिन की मात्रा बढ़ा दी है.
बताया जाता है कि रिम्स में इलाजरत लालू प्रसाद यादव को कोरोना से बचने के लिए मास्क पहनाया जा रहा है. यही नहीं सोते वक्त उनके मुंह में गमछा रहता है. डॉक्टरों ने लालू को कम से कम 12 घंटे मास्क लगाने को बोला है. लालू प्रसाद यादव का इलाज कर रहे डॉ. उमेश प्रसाद ने कहा कि उनकी उम्र अधिक है और पहले से ही वह कई बीमारियों से पीडित हैं. ऐसे में उनके सेहत पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू लंबे समय से यहां रह रहे हैं. कुछ दिनों पूर्व तक रिम्स के गलियारे में दरबार सजाते वे अक्सर नजर आ जाते थे, लेकिन अब सब बंद है. वार्ड में लालू प्रसाद यादव की देखभाल कर रहे उनके पार्टी के कार्यकर्ता ने बताया कि 10 दिनों से लालू प्रसाद यादव अपने कमरे से बाहर नहीं निकले हैं. पेइंग वार्ड में ही कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों को रखा जा रहा है. वे पहले से ही किडनी समेत 14 अलग-अलग तरह की बीमारियों से ग्रसित हैं. उन्हें लेकर डॉक्टर भी कोई रिस्क नहीं लेना चाह रहे हैं. इसलिए उन्हें बाहर निकलने से पूर्णत: मना कर दिया गया है.
यहां उल्लेखनीय है कि रिम्स के जिस भवन में कोरोना के संदिग्ध मरीजों को रखा जा रहा है, उसी भवन के पहले तल्ले में लालू प्रसाद यदव भी हैं. वैसे उनकी सेहत में किसी तरह का और कोई खास उतार-चढाव नहीं देखा जा रहा है. फिलहाल उनका स्वास्थ्य ठीक है, लेकिन अधिक समय से कमरे में बंद रहने के कारण थोडा परेशान और टेंशन में है. हालांकि विशेष सावधानी बरती जा रही है. चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को करीब 15 बीमारी है. जिसका इलाज रिम्स में चल रहा है. वैसे लालू प्रसाद यादव भले ही चारा घोटाला में सजायाफ्ता होने के बाद रिम्स में इलाज करा रहे हों, लेकिन उन्हें भी कोरोना वायरस के बढते खतरे का आभास है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए ट्विटर पर लिखा है कि जो घर से बाहर निकलेगा, उसे टोकना होगा. कोरोना को रोकना है, तो अपने कदमों को रोकना होगा. उन्होंने अंत में लिखा - बिना किंतु-परंतु घर में आराम करो ना.