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झारखंड:कोरोना के कहर के बीच पुरुष नक्सली हुए क्वारंटाइन, महिला दस्ता ने संभाला मोर्चा, पिछले दिनों मुठभेड़ में 3 महिला नक्सली हुई थी ढेर

By एस पी सिन्हा | Updated: April 7, 2020 16:01 IST

इस वक्त झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सली अपनी सूचना तंत्र को मजबूत करने के लिए मुहिम चला रहे हैं.

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ठळक मुद्दे पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा लगातार संयुक्त अभियान चलाए जाने से इनकी कार्य-गति पर ब्रेक लगा है.नक्सली अपने संगठन को मजबूत करने के लिए सूचना तंत्र के माध्यम से सुदूरवर्ती इलाकों के ग्रामीणों को अपनी ओर आकर्षित करने की मुहिम चला रहे हैं. 

रांची: कोरोना के जारी कहर के बीच झारखंड में सक्रिये नक्सली संगठनों के पुरूष सदस्य इस वक्त कोरेंटाइन हो गये हैं और उनकी जगह महिला नक्सली दस्ते ने ले ली है. पिछले दिनों जिला पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान के दौरान मुठभेड़ में तीन महिला नक्सली मारी गई थीं.

जबकि इस दौरान किसी पुरूष सदस्यों के शामिल नही होने की जानकारी मिल रही है. मुठभेड़ में केवल महिला नक्सलियों के मारे जाने के मामले बताया जा रहा है कि झारखंड में भाकपा माओवादी संगठन में महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा में ज्यादा सक्रिय हुई हैं. वे लोगों को मोटिवेट कर आसानी से अपने दस्ता का हिस्सा बनाने में माहिर होती हैं.

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वक्त झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सली अपनी सूचना तंत्र को मजबूत करने के लिए मुहिम चला रहे हैं. हालांकि, पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा लगातार संयुक्त अभियान चलाए जाने से इनकी कार्य-गति पर ब्रेक लगा है. वहीं नक्सली अपने संगठन को मजबूत करने के लिए सूचना तंत्र के माध्यम से सुदूरवर्ती इलाकों के ग्रामीणों को अपनी ओर आकर्षित करने की मुहिम चला रहे हैं. 

पिछले 4 अप्रैल को चाईबासा जिले के गुदडी थाना क्षेत्र के चिरूंग टोला-रेडा के पास पुलिस एवं भाकपा माओवादियों के बीच हुए मुठभेड में तीन महिला नक्सली मारी गई थी. जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो सकी है. चाईबासा पुलिस ने तीनों महिला नक्सली का फोटो जारी करते हुए. कहा कि यदि किसी के द्वारा महिला नक्सली की पहचान हो जाती है तो पुलिस को सूचना दें. 

वहीं, बताया जा रहा है की पीएलएफआई और भाकपा माओवादी के बीच वर्चस्व की लडाई के चलते ग्राम प्रधान नमन बूढ की नक्सलियों ने गला रेत कर हत्या कर दी. हालांकि नक्सलियों ग्राम प्रधान को पुलिस का मुखबिर बताया था. कहा जा रहा है कि इस घटना का अंजाम भी महिला दस्ते के द्वारा ही दिया गया था.

सूत्रों के अनुसार नमन बुढ पूर्व में माओवादी के लिए काम करता था. बाद में वह पीएलएफआई नक्सली संगठन के लिए काम करने लगा था. नमन बुढ नक्सलियों को पुलिस के बारे में सूचना देने के साथ नक्सलियों को कई तरह की मदद करता था. नमन बुढ के खिलाफ पिछले माह चाईबासा में मामले भी दर्ज किए गए थे. 27 मार्च की रात लगभग 10 बजे नक्सलियों ने गुंडरी के ग्राम मुंडा नमन बुढ को घर से बुलाकर लगभग 200 मीटर दूर खेत मे ले जाकर धारदार हथियार से उनका गला रेत दिया था. 

आनंदपुर पुलिस ने घटनास्थल से दो पर्च में मिले थे जिसमें नक्सलियों ने नमन को पुलिस का मुखबिर बताया था. लेकिन इन सभी घटनाओं को अंजाम देने में आजकल महिला दस्ता ज्यादा सक्रिये बताई जा रही हैं. उसका कारण यह है कि पुलिस की सूचना पाकर वह तुरंत हीं अपना हुलिया बदल लेती हैं और किसी भी घर में पनाह ले लेती हैं. जबकि पुरूष सदस्यों को छिपने के लिए कठिनाईयों का सामना करना पडता है. ऐसे में इन ईलाकों में महिला दस्ता ज्यादा सक्रियता दिखाते हुए नक्सली गतिविधोयों को अंजाम देने में जुट गई हैं. 

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