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झारखंड: रांची में सैनीटाइज करने गये नगर निगम के टैंकर ड्राइवर की पिटाई

By एस पी सिन्हा | Updated: April 4, 2020 07:37 IST

स्थानीय लोगों का आरोप है जिन लोगों को क्वारंटाइन किया गया है, उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं हो रहा है. हिंदपीढी को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है. मौके पर पहुंचे सदर एसडीओ ने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई समझने को तैयार नहीं हुआ. लिहाजा न तो जांच हो पायी और ना ही सैनीटाइज का काम हो पाया.

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ठळक मुद्देझारखंड की राजधानी रांची के हिंदपीढी इलाके में स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंची प्रशासनिक टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इस इलाके में कोरोना वायरस से संक्रमित पहली मरीज मिली थी.हिंदपीढी को सैनीटाइज करने गये नगर निगम के टैंक के ड्राइवर को वहां के लोगों ने पीट दिया. गुरुवार को इसी इलाके से लोगों की जांच करने पहुंची मेडिकल टीम को हंगामे के बाद लौटना पड़ा था.

झारखंड की राजधानी रांची के हिंदपीढी इलाके में स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंची प्रशासनिक टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इस इलाके में कोरोना वायरस से संक्रमित पहली मरीज मिली थी. हिंदपीढी को सैनीटाइज करने गये नगर निगम के टैंक के ड्राइवर को वहां के लोगों ने पीट दिया. गुरुवार को इसी इलाके से लोगों की जांच करने पहुंची मेडिकल टीम को हंगामे के बाद लौटना पड़ा था. लोगों ने उनकी फाइलों को फाडकर फेंक दिया था. प्रशासनिक टीम में सभी महिलाएं ही थीं. उनके साथ सुरक्षा बल को भी नहीं भेजा गया. बावजूद इसके लोगों ने विरोधकर फाइलों को फाड दिया था. इसकी सूचना मिलने पर पुलिस मौक पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया.

स्थानीय लोगों का आरोप है जिन लोगों को क्वारंटाइन किया गया है, उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं हो रहा है. हिंदपीढी को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है. मौके पर पहुंचे सदर एसडीओ ने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई समझने को तैयार नहीं हुआ. लिहाजा न तो जांच हो पायी और ना ही सैनीटाइज का काम हो पाया. यहां बता दें कि हिंदपीढी में ही राज्य का पहला कोरोना केस सामने आया. यहां रह रही मलेशियाई महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई. उसका रिम्स में इलाज चल रहा है. प्रशासन उसके संपर्क में आने वाले 90 लोगों को खेल गांव स्थित आइसोलेशन वार्ड में भेजा दिया है.

अब इलाके के 8 हजार घरों के लोगों की स्क्रीनिंग की तैयारी है. इसके लिए सौ टीमें बनाई गई हैं. ये टीम गुरुवार से स्क्रीनिंग शुरू करने वाली थी. लेकिन भारी विरोध के कारण यह काम नही हो पाया. जबकि कोरोना केस मिलने के बाद हिंदपीढी में प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दी है. इलाके को सील कर दिया गया है. पूरे मोहल्ले में एक हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती है. जिन पांच घरों में संक्रमित महिला गई थी, उन घरों खाली कराकर सील कर दिया गया है. घरवालों को क्वारंटाइन सेंटर भेजा दिया गया है. बावजूद इसके लोग सहयोग करने को तैयार नही हैं.इसबीच, बताया जा रहा है कि मलेशियाई मूल की कोरोना वायरस पॉजिटिव महिला अब तक 107 लोगों के संपर्क में आ चुकी है. इसमें हिंदपीढी और ट्रेन की बोगी में सफर करने वाले यात्री शामिल हैं. इनमें से अधिकतर लोगों से संपर्क साध लिया गया है. उपायुक्त राय महिमापत रे ने कहा कि हिंद पीढी के 54 लोग महिला के संपर्क में आए थे. इसके अलावा रांची जिला के अतिरिक्त 35 लोग, 15 ट्रेन के कर्मी और शेष अन्य लोग संपर्क में आए थे. इनमें से कई को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है, जबकि अन्य की स्क्रीनिंग की जाएगी. 

वहीं, अब तक की पड़ताल में पुलिस को यह जानकारी मिली है कि विदेशी नागरिकों ने रांची के छह मस्जिदों में अलग-अलग तिथियों में बैठकें की, जिसमें कुल 126 लोग शामिल हुए. अब बैठक में शामिल सभी लोगों के बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है. जिन छह मस्जिदों में विदेशी नागरिकों की बैठक हुई, उनमें हिंदपीढी की चार, लोअर बाजार की एक और डोरंडा की एक मस्जिद शामिल है. इनमें बड़ी मस्जिद हिंदपीढी, मदीना मस्जिद, मक्का मस्जिद, हिंदपीढी व राईन मस्जिद, इसके अलावा मस्जिद-ए-आराफात, डोरंडा तथा मस्जिद-ए-अब्दुला, लोअर बाजार शामिल हैं.

पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि 22 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद लोगों का मिलना-जुलना कम हो गया. पूछताछ में विदेशी नागरिकों ने बताया कि सभी 17 विदेशी व पांच भारतीय दो समूह में अलग-अलग तिथि में रांची पहुंचे थे. 17 मार्च को राजधानी एक्सप्रेस के बोगी नंबर बी-1 से पांच महिला व पांच पुरुष रांची आए थे. वहीं, दूसरा समूह 19 मार्च को झारखंड एक्सप्रेस के बोगी नंबर एस-6 से आया था, इसमें 12 पुरुष थे. रांची आने के बाद सभी पुरुष बड़ी मस्जिद हिंदपीढी, मदीना मस्जिद, हिंदपीढी, मस्जिद-ए-अराफात, डोरंडा व मस्जिद-ए-अब्दुल्ला, लोअर बाजार में ठहरे थे. जबकि महिलाएं अलग-अलग पांच घरों में ठहराई गईं थीं. इसकी सूची पुलिस को मिली, जिसके बाद सभी पांचों घरों व इसमें रहने वाले लोगों को क्वारंटाइन किया गया है. पुलिस-प्रशासन की जांच जारी है. 

यहां उल्लेखनीय है कि एक दिन पूर्व झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के बेटे मोहम्मद तनवीर का नाम भी तब्लीगी जमात की सूची में मिलने के बाद सिर्फ तनवीर को ही नहीं, बल्कि मंत्री हाजी हुसैन अंसारी को पूरे परिवार के साथ क्वारंटाइन किया गया था. हालांकि तनवीर ने बताया था कि वह जमात के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे. इसी तरह का तर्क सूची में शामिल पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों के कई लोगों ने भी दिया. इसके बाद अब पुलिस मुख्यालय ने तर्क दिया है कि विशेष शाखा की सूची में सिर्फ तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के नाम हैं. वे नई दिल्ली में आयोजित समारोह में शामिल हुए कि नहीं, इसकी जांच की जा रही है. इतना ही नहीं, इनके माध्यम से भी यह पता लगाया जा रहा है कि उक्त कार्यक्रम में शामिल होने इनके कौन-कौन से परिचित गए थे?

इन सबके बीच झारखंड में टूरिस्ट वीजा पर आकर धर्म प्रचार करने वाले विदेशियों पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है. कारण कि ये लोग वीजा के नियमों को तोड़कर भारत के विभिन्न प्रांतों में घूमते हैं. मस्जिदों में ठहरते हैं और धार्मिक प्रवचन करते हैं. तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होते हैं. जबकि, उन्हें वीजा देश में एक पर्यटक के रूप में घूमने के लिए मिलता है. टूरिस्ट वीजा पर आकर कोई अपने धर्म का प्रचार-प्रसार नहीं कर सकता है, धार्मिक कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बन सकता है.

रांची के हिंदपीढी में तीन दिन पूर्व पकड़े गए सभी 17 विदेशी नागरिकों का भी टूरिस्ट वीजा है. इतना ही नहीं, तमाड में पिछले दिनों मिले सभी 11 विदेशी मौलवियों का वीजा भी इसी प्रकृति का था. ऐसी स्थिति में इन विदेशी नागरिकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होना तय है. फिलहाल रांची के एसएसपी के आदेश पर डीएसपी सदर विदेशी नागरिकों के वीजा-पासपोर्ट व अन्य दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं. इसके लिए वे पासपोर्ट कार्यालय की भी मदद ले रहे हैं.

जानकारों के अनुसार शर्तों का उल्लंघन होने पर वीजा-पासपोर्ट को ब्लैकलिस्टेड करने का भी प्रावधान है. प्रारंभिक जांच में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि विदेशी नागरिकों ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया है. अब इन विदेशी नागरिकों के वीजा-पासपोर्ट को ब्लैकलिस्टेड करने के लिए संबंधित एजेंसी से झारखंड पुलिस-प्रशासन पत्राचार करेगा.

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