झारखंडः खदान पट्टा पर नोटिस,  निर्वाचन आयोग से सीएम हेमंत सोरेन बोले-चार सप्ताह का और समय दीजिए

By सतीश कुमार सिंह | Published: May 10, 2022 03:19 PM2022-05-10T15:19:30+5:302022-05-10T16:32:19+5:30

निर्वाचन आयोग को राज्यपाल से इस मुद्दे पर एक प्रतिवेदन मिला है। आयोग अपने विचार राज्यपाल को भेजेगा। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए किसी सरकारी अनुबंध के लिए किसी सांसद या विधायक को अयोग्य करार देने से संबद्ध है।

Jharkhand CM Hemant Soren Notice mining lease Election Commission give more time for four weeks | झारखंडः खदान पट्टा पर नोटिस,  निर्वाचन आयोग से सीएम हेमंत सोरेन बोले-चार सप्ताह का और समय दीजिए

आयोग ने हेमंत सोरेन को एक नोटिस जारी कर इन आरोपों पर अपना रुख बताने को कहा था।

Highlightsविधानसभा के सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित किया जा सकता है। खनिज बहुल राज्य में इस मुद्दे को लेकर एक राजनीतिक विवाद छिड़ गया है।

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि खदान पट्टे पर नोटिस का जवाब देने के लिए निर्वाचन आयोग (ईसी) से चार सप्ताह का और समय मांगा है। निर्वाचन आयोग ने हेमंत सोरेन को एक नोटिस जारी कर इन आरोपों पर अपना रुख बताने को कहा था।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को कहा कि खनन पट्टे को लेकर नोटिस का जवाब देने के लिए उन्होंने निर्वाचन आयोग से चार और सप्ताह का समय मांगा है। आयोग ने सोरेन को खनन पट्टा अपने नाम से लेने के आरोपों को लेकर दो मई को नोटिस जारी किया था और उनसे 10 मई तक जवाब देने को कहा था।

सोरेन ने कहा, ‘‘मैंने नोटिस का विस्तृत जवाब देने के लिए निर्वाचन आयोग से कम से कम चार सप्ताह का समय मांगा है।’’ उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘नोटिस के साथ, मुझे लगभग 600 पृष्ठों के दस्तावेज दिए गए हैं, जिनमें से लगभग सभी हिंदी भाषा में हैं और मुझे अपने वकील द्वारा उचित समझ के लिए इनके हिंदी से अंग्रेजी में लिप्यंतरण की व्यवस्था करनी होगी।’’ यदि आरोप साबित हो जाते हैं, तो वह (सोरेन) राज्य विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य हो सकते हैं।

आरोप साबित हो जाने पर राज्य विधानसभा के सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित किया जा सकता है। एक पदाधिकारी ने कहा, ‘‘आयोग उन्हें इन गंभीर आरोपों पर अपना रुख पेश करने के लिए एक न्यायोचित मौका देना चाहता है।’’ निर्वाचन आयोग को राज्य के राज्यपाल से इस मुद्दे पर एक प्रतिवेदन मिला है।

आयोग अपने विचार राज्यपाल को भेजेगा। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए किसी सरकारी अनुबंध के लिए किसी सांसद या विधायक को अयोग्य करार देने से संबद्ध है। आयोग ने कहा कि नोटिस इस धारा को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया हैं।

आयोग ने धारा 9ए के प्रावधानों का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाया है। उक्त धारा के अनुसार, ‘‘किसी व्यक्ति को अयोग्य घोषित किया जा सकता है, यदि उसने वस्तुओं की आपूर्ति के लिए उपयुक्त सरकार के साथ अपने व्यापार के वास्ते, या उस सरकार के किसी कार्य को करने के लिए अनुबंध किया हो।’’ आयोग ने हाल में राज्य सरकार को पत्र लिख कर खनन पट्टे से संबद्ध दस्तावेज साझा करने को कहा था। खनिज बहुल राज्य में इस मुद्दे को लेकर एक राजनीतिक विवाद छिड़ गया है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने खनन मंत्री रहते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा अपने नाम से खनन पट्टा लेने के मामले में आज दावा किया कि यह उच्चतम न्यायालय के अनेक फैसलों के आधार पर लाभ के पद के दायरे में नहीं आता है लिहाजा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी नहीं छीनी जा सकती है।

झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस सिलसिले में 1964 के शीर्ष न्यायालय की संविधान पीठ के एक फैसले का उल्लेख किया जिसमें उनके अनुसार सीवीके राव बनाम देन्तू भास्कर राव मामले में अदालत ने स्पष्ट किया है कि खनन पट्टे का आवंटन मात्र किसी वस्तु की आपूर्ति के ठेके के समान नहीं है।

Web Title: Jharkhand CM Hemant Soren Notice mining lease Election Commission give more time for four weeks

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