झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता हुई समाप्त, अधिसूचना जारी करेगा चुनाव आयोग

By एस पी सिन्हा | Updated: August 26, 2022 21:42 IST2022-08-26T21:42:08+5:302022-08-26T21:42:08+5:30

राज्यपाल के द्वारा लिये गये फैसले के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी पर संकट मंडराने लगा है। एक विधायक के तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अयोग्य घोषित किये जने के बाद उनका मुख्यमंती पद पर बने रहना मुश्किल हो गया है। 

Jharkhand Chief Minister Hemant Soren's membership terminated, Election Commission will issue notification | झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता हुई समाप्त, अधिसूचना जारी करेगा चुनाव आयोग

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता हुई समाप्त, अधिसूचना जारी करेगा चुनाव आयोग

Highlightsबरहेट विधानसभा सीट से हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर की गईसोरेन को अयोग्य घोषित किये जने के बाद उनका मुख्यमंत्री पद पर बने रहना मुश्किलचुनाव आयोग ने उन्हें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के तहत दोषी माना

रांची: झारखंड की सियासत के लिए आज का दिन बेहद अहम रहा। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में निर्वाचन आयोग के बाद राज्यपाल ने भी अपना फैसला सुना दिया है। बरहेट विधानसभा सीट से झामुमो के विधायक हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गयी है। 

राज्यपाल इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग राज्य चुनाव आयोग को देंगे। इसके बाद चुनाव आयोग इसकी अधिसूचना जारी करेगा। राज्यपाल के द्वारा लिये गये फैसले के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी पर संकट मंडराने लगा है। एक विधायक के तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अयोग्य घोषित किये जने के बाद उनका मुख्यमंत्री पद पर बने रहना मुश्किल हो गया है। 

चुनाव आयोग ने उन्हें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के तहत दोषी माना है। इस संवैधानिक धारा के अंतर्गत दोषी पाए जाने के बाद हेमंत सोरेन की विधायकी जाना तय माना जा रहा था। इसके बाद झारखंड की राजनीति में गहमागहमी तेज हो गई है। ऐसे में मौजूदा संकट से निकलने के लिए हेमंत सोरेन ने पहले से ही रणनीति बनानी शुरू कर दी है। 

चर्चा है कि अपनी विधायकी खत्म किए जाने के बाद हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं। इसके लिए उन्होंने संवैधानिक के जानकारों की राय ली है। दूसरी तरफ से चर्चा यह भी है कि सोरेन अपनी जगह पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बना सकते हैं, लेकिन कल्पना सोरेन सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ पाएंगी या नहीं? इसको लेकर भी पहले से विवाद शुरू हो गया है। 

उधर, हेमंत सोरेन की सदस्यता समाप्त होने के बाद भी उनकी पार्टी झामुमो विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी रहेगी। झामुमो के फिलहाल 30 से विधायक हैं। हेमंत सोरेन भले ही प्रत्यक्ष तौर पर मुख्यमंत्री ना रहें, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से कमान उनके हाथों में ही रहेगी। कांग्रेस और राजद जैसे सहयोगी दल झामुमो का साथ खडा रहने का फैसला सुनाया है। 

हालांकि भाजपा हर हाल में हेमंत सोरेन की विदाई करना चाहती है। भाजपा लगातार हेमंत सोरेन के इस्तीफे की मांग कर रही है, लेकिन हेमंत सोंची सोची समझी रणनीति के तहत कदम बढ़ा रहे हैं। 

इस बीच, हेमंत सोरेन के आवास पर आज यूपीए के सभी विधायकों को बुलाया गया। मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक के बाद विधायकों और मंत्रियों ने कहा कि पूरी यूपीए एकजुट है। सरकार को कोई खतरा नहीं है। 

वहीं, झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि भाजपा के 16 विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के एक सांसद की वजह विधायकों में नाराजगी है।

Web Title: Jharkhand Chief Minister Hemant Soren's membership terminated, Election Commission will issue notification

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