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झारखंड बजट सत्र: बीजेपी ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने पर किया जमकर हंगामा, लगाये जय श्रीराम के नारे

By एस पी सिन्हा | Updated: February 29, 2020 06:07 IST

विपक्षी दल भाजपा के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने अपना भाषण दिया. इससे पूर्व, कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने वेल में पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया.

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झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत आज पहले दिन काफी हंगामेदार रही. यहां भाजपा विधायकों ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने पर जमकर हो-हल्‍ला और नारेबाजी की. पहले दिन ही टकराव के आसार के बीच सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक वेल में आ धमके. विपक्षी दल ने सदन में जय श्री राम के नारे लगाये. झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) का भाजपा में विलय करने वाले और भाजपा विधायक दल के नेता चुने गये बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की सीट पर नहीं बैठने दिया गया. 

बाबूलाल मरांडी आज शुरू हुए बजट सत्र के पहले दिन ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के नेता सुदेश महतो के साथ बैठे. इस मुद्दे पर भाजपा ने जमकर हंगामा किया. इस दौरान आसन की ओर से नियमों का हवाला देते हुए बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं देने की जानकारी देने पर टकराव और बढ गया. भाजपा विधायक वेल में बैठ गये. वे सदन में जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाते रहे. विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने नेता प्रतिपक्ष के मामले पर कानूनी राय-मशविरा किए जाने की बात पटल पर रखी. 

विपक्षी दल भाजपा के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने अपना भाषण दिया. इससे पूर्व, कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने वेल में पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया. विधायकों की मांग थी कि बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठाया जाये. भाजपा के विधायक विरंची नारायण ने कहा कि अगर मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिला तो सदन नहीं चलने देंगे. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के भाषण के बीच शोरगुल होता रहा. भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग सत्र की शुरुआत से ही करते रहे. हंगामे के बीच सदन के पटल पर 1216.94 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया गया. 

विधानसभा अध्यक्ष के बार-बार अनुरोध के बाद भी भाजपा विधायक अपनी सीट पर वापस जाने को तैयार नहीं हुए. हंगामे को बढते देख विधानसभा अध्‍यक्ष रवींद्र नाथम हतो ने बजट सत्र की कार्यवाही सोमवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. शोक प्रस्ताव के दौरान पिछले सत्र से लेकर वर्तमान सत्र के बीच दिवंगत आत्माओं को सदन ने श्रद्धांजलि दी. इस दौरान नेताओं ने दिल्ली हिंसा, चाईबासा नरसंहार में जान गंवाने वालों को भी श्रद्धांजलि दी. 

उधर, झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने पंचम झारखंड विधानसभा के प्रथम बजट सत्र का उद्घाटन किया. इस अवसर पर सभी मंत्री एवं सत्ता पक्ष के तमाम विधायक उपस्थित थे. इससे पहले बजट सत्र के शुरू होने पर विधानसभा में हेमंत सोरेन के नाम का शिलापट्ट लगाया गया. यहां श्रेय लेने की होड मची रही. नये विधानसभा भवन में पहले सत्र का उद्घाटन के बहाने यह शिलापट्ट लगाया गया है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए विधानसभा भवन का उद्घाटन किया था. विधानसभा के नए भवन में आज से शुरू हुए बजट सत्र में नई भूमिका में पहुंचे सत्ता पक्ष और विपक्ष में पहले ही दिन से ही टकराव पूरे पूरे रौ में नजर आ रहा है. नेता प्रतिपक्ष के मसले पर विपक्ष की भूमिका में आई भाजपा ने आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जहां अपना जोरदार विरोध दर्ज कराया, वहीं झामुमो-कांग्रेस विधायक भी अपने-अपने अंदाज में विपक्ष पर पलटवार करते दिखे. 

एक माह चलने वाले विधानसभा के बजट सत्र में कुल 18 कार्य दिवस तय किए गए हैं. तीन मार्च को राज्य सरकार सदन में वित्तीय वर्ष 2020-21 का पूर्ण बजट पेश करने जा रही है. आज बजट सत्र के पहले दिन अनुपूरक बजट पेश किए जाने के साथ ही अन्य विधायी कार्य भी निपटाए गए. एक माह चलने वाले सत्र के दौरान तीन मार्च को वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव बजट पेश करेंगे. बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा होली के बाद होगी. वहीं, 16 और 23 मार्च को मुख्यमंत्री प्रश्न काल में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सदस्यों के नीतिगत सवालों का जवाब देंगे. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की अनुपस्थिति में शुक्रवार को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी प्रस्तुत किया. रामेश्वर उरांव केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्‍यक्षता में होने वाली पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने के लिए आज भुवनेश्वर गए हैं. 

यहां बता दें कि इस बार के बजट सत्र में महागठबंधन के मुखिया हेमंत सोरेन की भी परीक्षा हो रही है और मुख्य विपक्षी दल के रूप में 'ना' पक्ष में बैठने वाली भाजपा की भी. भाजपा सशक्त विपक्ष की भूमिका को निभाने की बात कह पहले ही अपनी मंशा साफ कर चुकी है. वहीं टकराव की शुरुआत नेता प्रतिपक्ष के रूप में बाबूलाल मरांडी को स्वीकार न किए जाने से ही हो गई है. भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को भाजपा विधायक दल का नेता मनोनीत करते हुए विधानसभा सचिवालय को भी इसकी सूचना पूर्व में ही दे दी है और उन्हें नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपने का अनुरोध भी किया था.

टॅग्स :झारखंडबजटभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)लोकमत समाचार
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