जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने शनिवार को पार्टी की झारखंड इकाई से कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनावों के संबंध में सभी फैसले पर अपने बूते पर ले। झारखंड में वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं। बिहार के मुख्यमंत्री कुमार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे झारखंड की समस्याओं को दूर करने की शपथ लें। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा होने के बावजूद प्रदेश में जद(यू) सहयोगी दल भाजपा से अलग चुनाव लड़ेगी। झारखंड में फिलहाल भाजपा नीत सरकार है।
बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने झारखंड में भी पूर्ण शराबबंदी लागू करने की बात दोहराते हुए शनिवार को यहां कहा कि यह कितनी खराब बात है कि बिहार में जो लोग शराब पीना चाहते हैं वे लोग शराब पीने के लिए झारखंड आते हैं।
रांची में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड में भी पूर्ण शराबबंदी लागू होना चाहिए। इससे समाज की अनेक कुरीतियां समाप्त हो जाती हैं और सामाजिक तानाबाना स्वस्थ और मजबूत होता है।
उन्होंने झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अपनी पार्टी की राज्य इकाई को जोश से भरते हुए कहा कि उसे जनता के बीच में शराबबंदी के मुद्दे को जोरशोर से ले जाना चाहिए। उन्होंने भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री का नाम लिये बिना कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी की आवश्यकता है अन्यथा यह बड़ा ही अशोभनीय है कि बिहार में शराब की लत वाले लोग शराब पीने के लिए झारखंड का रुख करते हैं।
उन्होंने झारखंड के विकास के लिए पांच मंत्र दिए। पहला सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट में छेड़छाड़ न हो, दूसरा पूर्ण शराबबंदी लागू करना, तीसरा क्षेत्रीय विकास (मंडलवार) की रणनीति बनाना, चौथा पिछड़ों एवं अति पिछड़ों को 27 फीसद आरक्षण देने की व्यवस्था करना और अल्पसंख्यकों के विकास पर तेजी से काम करना।