झारखंड में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पूर्व सूबे की राजनीति करवट लेगी. पितृपक्ष के खत्म होते ही कई विधायक दूसरे दलों का दामन थामेंगे.
विधायकों को सही मुहूर्त का इंतजार है. शुभ मुहूर्त के आते ही विधायकों के पाला बदलने का खेल शुरू होगा. 28 सितंबर को पितृपक्ष खत्म हो रहा है. इसके बाद राजनीतिक घटनाक्र म तेजी से बदलने वाला है. स्थिति यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के प्रति बढ़े आकर्षण का असर झारखंड में भी दिख रहा है.
लोकसभा चुनाव में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद जहां विपक्षी दलों के हौसले पस्त हैं, वहीं मौका पाकर कुछ कांग्रेस विधायक बेहतर संभावनाओं के मद्देनजर भाजपा का दामन थाम सकते हैं.
राजनीतिक गलियारे में इस बाबत कयास का दौर चरम पर है. कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत, झाविमो विधायक प्रकाश राम और झामुमो विधायक कुणाल षाडंगी के भाजपा में शामिल होने की चर्चा खूब है.
दो दिन पूर्व झाविमो विधायक प्रकाश राम ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात की है. प्रकाश राम झाविमो छोड़ने की तैयारी में हैं. वह आनेवाले चुनाव में भाजपा से दांव लगा सकते हैं.
जानकारों की अगर मानें तो कांग्रेस के तीन विधायक सुखदेव भगत (लोहरदगा), मनोज कुमार यादव (बरही) और बादल पत्रलेख (जरमुंडी) पाला बदलने की तैयारी में हैं.
ऐसा हुआ तो विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस को झारखंड में जोर का झटका लगेगा. सुखदेव भगत तेजतर्रार नेता हैं और विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने खुद को साबित किया है. वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे हैं और उनकी पत्नी लोहरदगा नगर पंचायत की अध्यक्ष हैं.
भाजपा के लिए वे मुफीद हो सकते हैं. वहीं, बरही के विधायक मनोज कुमार यादव भी कद्दावर नेता हैं. वे कांग्रेस विधायक दल के नेता रह चुके हैं. बरही से उन्होंने जीत का सिलिसला भी कमोबेश बनाए रखा है. वे दल में अपनी उपेक्षा से नाराज बताए जाते हैं.
वहीं, जरमुंडी के विधायक बादल पत्रलेख की छवि साफ-सुथरी है. इसी बल पर उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव जीता था. तीनों विधायकों अगर कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होते हैं तो इससे बड़े पैमाने पर राजनीतिक उथलपुथल मचेगा और विधानसभा स्तर पर भी नए समीकरण तैयार होंगे.
उधर, भाजपा को भी लातेहार में मजबूत दावेदार की तलाश है. झामुमो विधायक कुणाल षाडंगी ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बात आगे बढ़ाई है. षाडंगी को भाजपा लाने के पक्ष में है.
मुख्यमंत्री और प्रभारी ओ.पी. माथुर इस पूरे मामले को देख रहे हैं. पार्टी विधानसभा की कुछ सीटों को चिह्नित कर हायर एंड फायर की रणनीति पर काम कर रही है.
इसी कड़ी में झामुमो विधायक दीपक बिरुआ, कांग्रेस नेता अरुण उरांव सहित कई लोगों पर नजर है.
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के झाविमो में शामिल होने की चर्चा थी. उन्होंने जमशेदपुर के झाविमो नेता अभय सिंह से बात भी बढ़ाई थी. सूचना के मुताबिक वह जमशेदपुर पश्चिमी से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.