Jharkhand Assembly Election 2019: असंतुष्ट विधायकों पर बीजेपी की नजर, एक दर्जन विधायक भगवा दल में आने को तैयार
By एस पी सिन्हा | Updated: September 2, 2019 09:33 IST2019-09-02T09:33:02+5:302019-09-02T09:33:02+5:30
झामुमो के चार विधायक कुणाल षाडंगी, दशरथ गगराई, दीपक बिरु आ और चमरा लिंडा भाजपा के संपर्कमें हैं और कभी भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं. इन विधायकों को भाजपा की हरी झंडी का इंतजार है.

Jharkhand Assembly Election 2019: असंतुष्ट विधायकों पर बीजेपी की नजर, एक दर्जन विधायक भगवा दल में आने को तैयार
झारखंड में फिर से सत्ता में वापसी की तैयारी में जुटी भाजपा की नजर अपने विरोधी दलों के उन विधायकों पर टिकी है, जो अपने दल में घुटन महसूस कर रहे हैं. चर्चा है कि झामुमो और कांग्रेस समेत विपक्ष के करीब एक दर्जन से ज्यादा विधायक भाजपा में शामिल होने की कतार में हैं. भाजपा इस रणनीति पर काम कर रही है कि उन विधायकों को अपने पाले में किया जाए जो अपने दम पर जीत सकें.
झामुमो के चार विधायक कुणाल षाडंगी, दशरथ गगराई, दीपक बिरु आ और चमरा लिंडा भाजपा के संपर्कमें हैं और कभी भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं. इन विधायकों को भाजपा की हरी झंडी का इंतजार है.
हालांकि, विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की खबर से बौखलाये झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने मीडिया पर गुस्सा उतारते हुए कह डाला है कि पहले मीडिया वॉच डॉग थी, अब पेट डॉग बन गई है. हेमंत ने अपने विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की खबर को पेड न्यूज बताते हुए कहा कि आज मीडिया को भाजपा के खिलाफ लिखने की हिम्मत नहीं है.
भाजपा ने कोल्हान की चार सीट, बहरागोडा, खरसावां, चाईबासा और विशुनपुर पर सर्वे कराया है. जिसके बाद पार्टी की नजर झामुमो के चार विधायक कुणाल षाडंगी, दशरथ गगराई, दीपक बिरु आ और चमरा लिंडा पर टिक गई है. झामुमो से निलंबित विधायक जे.पी. पटेल पहले से ही भाजपा के गुणगान में लगे हुए हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान इन्होंने एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में खुलकर प्रचार भी किया था.
वहीं, कांग्रेस में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व लोहरदगा विधायक सुखदेव भगत और पांकी विधायक देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्ट भी जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों के अनुसार रामेश्वर उरांव के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में अलग-थलग पड़ चुके सुखदेव भगत अब पार्टी में घुटन महसूस करने लगे हैं और जल्द हीं पार्टी को बाय-बाय करने की तैयारी में जुट गए हैं.
ऐसे में लगभग यह तय माना जा रहा है कि वह भाजप में जा सकते हैं. जबकि भाजपा में आने की कतार में विपक्ष के अलावा सहयोगी आजसू से निलंबित तमाड विधायक विकास मुंडा भी हैं. भाजपा की ये सारी कवायद विधानसभा चुनाव में 65 प्लस का लक्ष्य को पाने के मद्देनजर है.
झामुमो के अभेद किले में सेंधमारी की इच्छा
पार्टी की पहली रणनीति झामुमो की कमर तोड़ने की है. कहा जा रहा है कि भाजपा की नजर झामुमो के अभेद किले संथाल और कोल्हान में सेंधमारी पर है. पार्टी हर हाल में यहां की 32 सीटों में से ज्यादा से ज्यादा पर अपनी जीत सुनिश्चित कराना चाहती है. पिछले विधानसभा चुनाव में संथाल में भाजपा ने झामुमो को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन कोल्हान में मात खा गई थी. पार्टी ने चुनाव से पहले यहां की सीटों पर सर्वे कराने को तवज्जो दिया. अब इन सीटों के लिए उसे मजबूत चेहरों की तलाश है.