झारखंड: नमाज कक्ष आवंटन मामले को देखने के लिए सर्वदलीय समिति गठित
By भाषा | Updated: September 9, 2021 19:12 IST2021-09-09T19:12:49+5:302021-09-09T19:12:49+5:30

झारखंड: नमाज कक्ष आवंटन मामले को देखने के लिए सर्वदलीय समिति गठित
रांची, नौ सितंबर झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए कक्ष आवंटित करने को लेकर बढ़ती तनातनी के बीच विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने बृहस्पतिवार को मानसून सत्र के अंतिम दिन इस मामले को देखने के लिए सात सदस्यीय सर्वदलीय समिति गठित की। समिति को 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र तीन सितंबर को शुरू हुआ था और नमाज कक्ष आवंटन के खिलाफ मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने सदन के अंदर एवं बाहर जमकर हंगामा किया।
विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष महतो ने कहा कि इस मुद्दे के कारण हुए ''व्यवधान'' से सदन के साथ ही राज्य भी प्रभावित हुआ जिसका जनता के बीच गलत संदेश जा रहा है।
उन्होंने कहा, '' हमें राज्य एवं जनता के हित को ध्यान में रखते हुए इस गतिरोध को समाप्त करने की आवश्यकता है। यह विधायकों के लिए भी अच्छा नहीं है। इन परिस्थितियों के मद्देनजर मैंने इस मामले को एक सर्वदलीय समिति के सामने रखने का निर्णय लिया है और इसके द्वारा जो भी फैसला लिया जाएगा, सदन उसका समर्थन करेगा।''
विधायक स्टीफन मरांडी को सात सदस्यीय समिति का संयोजक बनाया गया है। मरांडी के अलावा प्रदीप यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा, सरफराज अहमद, विनोद सिंह, लंबोदर महतो और दीपिका पांडे सिंह बतौर सदस्य शामिल हैं।
इससे पहले, सत्तारूढ़ दल के विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष प्रस्ताव किया कि इस मामले में एक समिति गठित की जानी चाहिए जोकि यह देखेगी कि वहां नमाज कक्ष की जरूरत है या नहीं?
भाजपा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने उस बयान पर आपत्ति जतायी कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान एक 'नमाज' कक्ष आवंटित किया गया था, मरांडी ने कहा, ''जब मैं सीएम था तब ऐसा कोई आवंटन नहीं किया गया था। भारत का संविधान इसकी अनुमति नहीं देता।''
वहीं, भाजपा विधायकों ने काली पट्टी बांधकर बुधवार को प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज और पानी की बौछार के इस्तेमाल का विरोध करते हुए ''लाठी, गोली वाली सरकार नहीं चलेगी'' जैसे नारे लगाए। भाजपा सदस्यों ने विधानसभा के बाहर धरना भी दिया।
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