भारतीय वायुसेना के इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया है। भारत के विदेश सचिव विजय गोखले के मुताबिक इस कैंप को जैश चीफ मसूद अजहर का साला मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी चला रहा था। हालांकि अभी तक इसके मारे जाने की अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
बता दें कि युसूफ अजहर का नाम पहले से ही इंटरपोल की सूची में सर्वाधिक वांछनीय अपराधी के तौर पर शामिल था। युसूफ 1999 में कंधार में हुए आईसी-814 विमान हाईजेक की लिस्ट में भी शामिल था। युसूफ अजहर जेईएम के सबसे बड़ा आतंकी कैंप संचालित करने वाले मसूद अजहर का साला है।इसके अलावा अजहर के खिलाफ भारत में अपहरण और हत्या के मामले दर्ज हैं।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने साल 2002 में पाकिस्तान को 20 आतंकियों की सूची सौंपी थी। इन सूची में यूसुफ अजहर का भी शामिल नाम था। इसके बाद ही सीबीआई द्वारा किए अनुरोध पर अजहर के खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
विजय गोखले ने साफ किया कि लगातार ऐसी सूचनाएं मिल रही थीं कि जैश देश में और फिदायिन अटैक करने की फिराक में था और इसलिए यह कार्रवाई जरूरी थी। गोखले ने कहा- 'यह पक्की सूचना थी कि जैश देश में और हमले की तैयारी कर रहा था। इसलिए ये अटैक जरूरी था। भारत ने बालाकोट में जैश के सबसे बड़े ठिकाने पर हमला किया है।'
विजय गोखले ने साथ ही कहा, 'इस ऑपरेशन में बड़ी संख्या में जैश के आतंकी, ट्रेनर और सीमियर कमांडर और जिहादियों को नुकसान पहुंचाया गया है।'गोखले के अनुसार भारतीय वायुसेना की यह कार्रवाई पूरी तरह से जैश पर केंद्रित थी ताकि स्थानिय नागरिकों को कोई नुकसान नहीं हो सके। विजय गोखले ने हालांकि कोई और जानकारी देने से मना कर दिया।