राजद द्वारा अपने विधायक को नोटिस थमाए जाने पर JDU हुआ गदगद, कहा- गठबंधन धर्म का हुआ पालन
By एस पी सिन्हा | Published: January 18, 2023 06:51 PM2023-01-18T18:51:44+5:302023-01-18T18:53:35+5:30
जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद नीरज कुमार ने सुधाकर सिंह को नोटिस थमाये जाने पर कहा कि यह राजद का आंतरिक मामला है, लेकिन राजद का यह कदम पूरे देश में एक नजीर की तरह है कि गठबंधन धर्म के खिलाफ काम करने वाले नेताओं पर कार्रवाई होती है।
पटना: बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन के घटक दल राजद और जदयू के बीच जारी वाकयुद्ध के बीच राजद की ओर से पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को नोटिस थमाये जाने से जदयू के नेता गदगद नजर आ रहे हैं। वे सार्वजनिक रूप से इसका प्रदर्शन तो नहीं कर रहे हैं, लेकिन इस नोटिस के बाद उन्होंने मान लिया है कि जदयू के दवाब में राजद ने सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए कदम बढ़ाया है।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद नीरज कुमार ने सुधाकर सिंह को नोटिस थमाये जाने पर कहा कि यह राजद का आंतरिक मामला है, लेकिन राजद का यह कदम पूरे देश में एक नजीर की तरह है कि गठबंधन धर्म के खिलाफ काम करने वाले नेताओं पर कार्रवाई होती है। उन्होंने कहा कि सुधाकर सिंह ने गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लंघन किया है।
राजद नेतृत्व ने स्वीकार किया है कि विधायक अपने बयानों से न केवल पार्टी के आंतरिक अनुशासन को तोड़ रहे थे, बल्कि गठबंधन धर्म की मर्यादा का भी उल्लंघन कर रहे थे। नीरज ने कहा कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई के लिए राजद नेतृत्व सक्षम है। ऐसे लोग जो गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं, उन पर दल के नियम के अनुसार कार्रवाई करने के लिए। देखिये बिहार ने रास्ता दिखाया है।
उन्होंने कहा कि गैर भाजपा दलों की एकजुटता, नेतृत्व और नीतियों की बदौलत हुआ है। ऐसे में कोई एक व्यक्ति अपने स्वहित के लिए गठबंधन पर लगातार सवालिया निशान खड़ा करें, नीतियों पर सवाल खड़ा करें तो कार्रवाई होनी ही चाहिए। उन्होंने कहा कि राजद का यह कदम यह बताता है कि सुधाकर सिंह ने कहीं न कहीं गठबंधन धर्म के खिलाफ काम कर रहे थे। इसलिए उन्हें नोटिस दिया गया है।
जदयू पहले से ही कह रहा था कि सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार राजद को है और राजद ने यह कदम उठाकर एक नजीर पेश किया है। उल्लेखनीय है कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को महागठबंधन सरकार में कृषि मंत्री बनाया गया था। लेकिन उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को चोर और खुद को चोरों का सरदार कहकर संबोधित किया था।
सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार के कृषि रोड मैप पर सवाल उठाते हुए 2006 में बंद किए गए बाजार समिति को दोबारा शुरू करने की बात कही थी। उस मामले में सीएम नीतीश कुमार और जदयू के दवाब के बाद सुधाकर सिंह को मंत्री पद से हटना पड़ा था। लेकिन मंत्री पद जाने के बाद भी सुधाकर सिंह का नीतीश कुमार और उनकी नीतियों के खिलाफ राजनीतिक हमला जारी रहा और अब राजद ने उन्हें नोटिस थमाकर कार्रवाई की बात कही है।