उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास बुधवार को सेना के जवान क्रिसमस के मौके पर कैरोल गाते और नाचते नजर आए।
शून्य से पंद्रह डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान में बर्फ से घिरे वातावरण में “जिंगल बेल्स” की आवाज गूंजती रही। जवानों को सेंटा क्लाज के परिधान पहनकर “स्नोमैन” के साथ उत्सव मनाते देखा गया। सेना की विभिन्न इकाइयों में “सर्व धर्म स्थल” होता है जहां विभिन्न मतों को मानने वाले सैनिक प्रार्थना करते हैं।
कश्मीर स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पंद्रहवीं कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल के जे एस ढिल्लों ने सभी अधिकारियों और जवानों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं। वह इसी तरह ईद और शिवरात्रि पर भी स्थानीय लोगों के साथ उत्सव में शामिल होते रहे हैं।
बीजद द्वारा नागरिकता (संशोधन) विधेयक का समर्थन किये जाने को लेकर आलोचनाओं के बीच ओडिशा के मुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रमुख नवीन पटनायक ने बुधवार को ईसाई समुदाय के लोगों को यह याद दिलाने का प्रयास किया कि वह उनका समर्थन करना जारी रखेंगे।
पटनायक का यह बयान ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब उनकी धर्मनिरपेक्ष साख पर उंगली उठायी जा रही है क्योंकि उनकी पार्टी ने संसद में संशोधित कानून का समर्थन किया था। मुख्यमंत्री पटनायक ने यद्यपि स्पष्ट किया कि वह पूरे देश में एनआरसी कवायद के पक्ष में नहीं हैं।
उन्होंने शहर के एक गिरजाघर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘याद रखें कि मैं हमेशा आप सभी के साथ हूं...।’’ पटनायक ने 13 दिसम्बर को मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी और उन्हें भरोसा दिया था कि सीएए समुदाय को प्रभावित नहीं करेगा।
पटनायक से मुलाकात करने वाले मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल के सदस्य अब्दुल बारी ने कहा था, ‘‘हम बीजद द्वारा नागरिकता विधेयक का समर्थन किये जाने से घबराये हुए हैं। यद्यपि समुदाय का तनाव मुख्यमंत्री द्वारा यह घोषणा किये जाने के बाद समाप्त हो गया कि उनकी पार्टी एनआरसी का समर्थन नहीं करेगी।’’