जावेद अख्तर की तालिबान-आरएसएस की टिप्पणी का उद्देश्य समाज में भ्रम पैदा करना: विहिप

By भाषा | Updated: September 6, 2021 21:29 IST2021-09-06T21:29:37+5:302021-09-06T21:29:37+5:30

Javed Akhtar's Taliban-RSS remarks aimed at creating confusion in society: VHP | जावेद अख्तर की तालिबान-आरएसएस की टिप्पणी का उद्देश्य समाज में भ्रम पैदा करना: विहिप

जावेद अख्तर की तालिबान-आरएसएस की टिप्पणी का उद्देश्य समाज में भ्रम पैदा करना: विहिप

नागपुर, छह सितंबर तालिबान और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना करने वाले जावेद अख्तर के बयान की विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सोमवार को निंदा करते हुए इसे समाज को भ्रमित करने के लिए ‘साजिश’ बताया और बॉलीवुड के गीतकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

विहिप के महासचिव मिलिंद परांडे ने अख्तर के बयान के बारे में पूछने पर पत्रकारों से कहा, “तालिबान एक आतंकवादी संगठन है, जो हिंसा में विश्वास रखता है और महिला विरोधी है। ऐसे संगठनों की आरएसएस, विहिप और बजरंग दल से तुलना करना...मैं उनके बयान की निंदा करता हूं। ये तीनों संगठन हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं और किसी के खिलाफ काम नहीं करते हैं। वे समाज सेवा करते हैं। यह एक साजिश की तरह लगता है, जब इतने बड़े लोग इस तरह के बयान देते हैं और समाज भ्रमित हो जाता है। उनके बयान का मकसद झूठ बोलकर समाज को भ्रमित करना था। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”

परांडे ने मांग की कि वेब सीरीज़ "एम्पायर" को प्रतिबंधित किया जाए क्योंकि यह "हिंसक और आक्रामक मुस्लिम आक्रमणकारियों को बहुत व्यवस्थित रूप से प्रसारित कर रही है"।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मुंबई में कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ बैठक पर किए गए सवाल पर परांडे ने कहा, “राष्ट्रीय हित के लिए समाज में काम करने वाला संगठन किसी से भी मिल सकता हैं। यह मुलाकात उसी सामान्य संवाद का हिस्सा है।”

भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर विहिप के रुख को लेकर पूछ गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विहिप राजनीतिक दल नहीं है।

परांडे ने कहा, “विहिप हिंदुओं के हित में काम करता है। हम मानते हैं कि हिंदुओं और देश के हित समान हैं। हम चाहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकारें हिंदुओं के हित के बारे में सोचें। हम हिंदू हित और मतदान के महत्व के बारे में समाज में जागरूकता फैलाएंगे।”

झारखंड विधानसभा में नमाज़ पढ़ने के लिए एक कक्ष आवंटित करने को ‘तुष्टिकरण की नीति’ बताया है।

उन्होंने कहा, “ यह तुष्टिकरण अब भी है। ऐसी तुष्टिकरण की नीति के कारण भारत का विभाजन हुआ। मुसलमानों या किसी के साथ कोई भी संवाद राष्ट्रवाद के सिद्धांतों पर होना चाहिए क्योंकि वे इस देश के नागरिक हैं। संवाद तुष्टिकरण पर आधारित नहीं होना चाहिए क्योंकि यह देश के लिए अच्छा नहीं है। झारखंड में जो हुआ वह तुष्टिकरण की मिसाल है।”

परांडे ने नागपुर में हिजाब घटना में शामिल महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

पुलिस ने एक विज्ञप्ति में बताया कि नागपुर के सिविल लाइंस इलाके में ‘हिजाब’ की पैरवी करने वाले पर्चे कथित रूप से बांटने पर कुछ निवासियों ने आपत्ति व्यक्त की, जिसके बाद यहां शनिवार को थाने में शिकायत दर्ज की गई।

पुलिस की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, सुबह की सैर पर निकले कुछ लोगों ने तीन महिलाओं को कथित तौर पर पर्चे बांटते और युवतियों से हिजाब पहनने का आग्रह करते देखा। विज्ञप्ति के मुताबिक, इसके बाद उनके बीच तीखी बहस हुई और महिलाओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। इन महिलाओं की उम्र 20-25 साल के बीच है।

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