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जम्मू कश्मीर: कुलगाम में आतंकवादियों ने दो लोगों की गोली मारकर हत्या की

By भाषा | Updated: April 2, 2020 05:50 IST

आतंकवादियों ने बुधवार को जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले में दो नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी। अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने रात करीब 10:45 बजे कुलगाम के नंदीमार्ग इलाके में गुलाम हसन वागाय और सिराजुद्दीन गोरसी को उनके घरों पर गोली मार दी।

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ठळक मुद्देआतंकवादियों ने बुधवार को जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले में दो नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी।अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने रात करीब 10:45 बजे कुलगाम के नंदीमार्ग इलाके में गुलाम हसन वागाय और सिराजुद्दीन गोरसी को उनके घरों पर गोली मार दी।

आतंकवादियों ने बुधवार को जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले में दो नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी। अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने रात करीब 10:45 बजे कुलगाम के नंदीमार्ग इलाके में गुलाम हसन वागाय और सिराजुद्दीन गोरसी को उनके घरों पर गोली मार दी। उन्होंने बताया कि दोनों की मौके पर ही मौत हो गयी। पुलिस मामले में जांच कर रही है।

बता दें कि बीते 18 मार्च को केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में पिछले 30 वर्षो में आतंकी हिंसा के दौर में 40 हजार लोग मारे गए तथा अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त होने के बाद आज की स्थिति में 300 से कुछ अधिक लोग ही हिरासत में हैं लेकिन कुछ लोगों को सिर्फ 2-3 परिवारों की चिंता है।

लोकसभा में जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों के लिए अनुदानों की मांगों पर सदन में चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री सिंह ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में हिरासत में रखे गए लोगों की संख्या सबसे कम है। 300 से कुछ अधिक लोग हिरासत में हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘ चिंता केवल 2-3 नामों की है। पिछले 30 वर्षो में आतंकी हिंसा के दौर में 40 हजार लोग मारे गए। क्या इन लोगों का कोई नहीं था, क्या इनकी औलाद नहीं थी, क्या इनका कोई भाई-बहन नहीं था।’’

जितेन्द्र सिंह ने कहा था कि हमें यह सोचना चाहिए कि ऐसा ही रहा तो भविष्य के इतिहासकार कहीं ये नहीं कहने लगें कि हमने केवल 2-3 परिवारों की चिंता की, उन 40 हजार लोगों के बारे में नहीं सोचा जिन्होंने जान गंवायी।

उन्होंने कहा था कि कुछ लोग तो कहते हैं कि दो..तीन लोग अंदर थे, इसलिये शांति रही। केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि जम्मू कश्मीर के विशेष प्रावधान वाले अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त होने के बाद कामकाज की स्थिति, संस्कृति, मानसिकता, फिजा बदली है। पिछले आठ महीने में जम्मू कश्मीर और लद्दाख में एक नई उम्मीद, हसरत और आकांक्षा ने जन्म लिया है।

उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि स्थिति कैसे बदलेगी? और आज हम कह सकते हैं कि पिछले आठ महीने में जिस तरह से क्षेत्र शांति और अमन के माहौल से गुजरा है, वैसा आठ महीने का दौर पिछले तीस वर्षों के दौरान कभी भी नहीं रहा।

सिंह ने कहा था कि इस दौर में ईद, मोहर्रम, दिवाली, होली, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस आये लेकिन सब अमन से गुजर गया। उन्होंने कहा था कि पूर्व की सरकारों के दौरान त्योराहों के समय घटनाएं घटने पर कहा जाता था कि पर्वों के समय पाकिस्तान ने शरारत की लेकिन हमारी सरकार ने बहाना नहीं बनाया और इस पर लगाम लगाने का काम किया।

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