जम्मू-कश्मीर में शनिवार (27 जनवरी) को शोपियां जिले में तनाव फैल गया था, जिसके बाद रविवार (28 जनवरी) को श्रीनगर प्रशासन ने अलगाववादियों के विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इस मामले पर जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से बात की। सीतारमण ने मुफ्ती को आश्वासन दिया कि वह इस घटना के संदर्भ में विस्तृत रिपोर्ट मांगेंगी।
युवा प्रदर्शनकारियों की मौत की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस ने घटना के मामले में प्राथमिकी (एफआईआर) भी दर्ज कर ली है। सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारुख और मुहम्मद यासीन मलिक की अगुवाई वाले संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने सेना की गोलीबारी में युवाओं की मौत के मामले में रविवार को घाटी में प्रदर्शन का आह्वान किया है।
जिला मजिस्ट्रेट श्रीनगर ने खानयार, रैनावाड़ी, नौहट्टा और एमआरगंज पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले इलाकों में प्रतिबंध लगाए हैं। पुलिस का कहना है कि श्रीनगर के कुछ क्षेत्रों में आंशिक प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। एहतियात के तौर पर बारामूला और बनिहाल के बीच रेल सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
शोपियां जिले के गानोपोरा गांव में शनिवार को सेना के काफिले पर भीड़ के हमले के बाद सेना की गोलीबारी में दो युवा प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी, जबकि आठ अन्य प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे।
वहीं इस मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना था कि शोपियां जिले के गनोवपुरा गांव से गुजर रहे सेना के काफिले पर पथराव हुआ। सुरक्षा बलों ने इन प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए कथित तौर पर कई राउंड फायरिंग की गई, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए हैं। कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर बसीर अहमद खान ने बताया था कि शोपियां के डिप्टी कमिश्नर को इस मामले की जांच के लिए 20 दिन का समय दिया गया है। (इनपुट-आईएएनएस)