जम्मू: पांच दिनों से जिन आतंकियों से पुंछ जिले में मुठभेड़ चल रही है, अब उन्हें मार गिराने की खातिर पैरा कमांडो व लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की सहायता ली जा रही है। घने जंगलों में छुपे होने के कारण सैनिक उन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है कि उन पर मोर्टार तथा राकेट की बौछार भी की जा रही है। पांच दिनों से जारी इस जंग में अभी तक सेना के सात जवान शहीद हो चुके हैं। गुरुवार रात को सेना के दो जवान शहीद हो गए थे।
सूत्रों के मुताबिक, जंगलों में छिपे इन आतंकियों की तलाश के लिए सेना ने अपने विशेष कमांडों व पैरा कमांडों को तैनात किया है। भिंबर गली में पड़ने वाले दूरियां और सांयोट गांवों में आतंकियों के देखे जाने की सूचना के बाद से इस दल ने वहां सर्च ऑपरेशन जारी रखा है।
राजौरी-पुंछ हाईवे किया गया है बंद
आतंकियों की मौजूदगी को देखते हुए सेना ने राजौरी-पुंछ हाईवे पर वाहनों की आवाजाही भी बंद कर रखी है। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) राजौरी-पुंछ रेंज विवेक गुप्ता ने कहा कि आतंकवादियों को घेर कर एक इलाके तक सीमित कर दिया गया है।
सुरक्षाबलों से बचकर आतंकियों का यह समूह दो-तीन महीने से यहां मौजूद था। जानकारी के लिए इस वर्ष राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों में कई आतंकवाद विरोधी अभियान और मुठभेड़ हुई हैं।
गत 12 अक्तूबर को पुंछ के सुरनकोट इलाके में डेरा की गली (डीकेजी) में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के दौरान एक जेसीओ समेत सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि घना जंगल होने के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से अभियान चलाने में काफी परेशानी हो रही है।
गुरुवार रात आतंकियों ने की फायरिंग
गुरुवार रात के अंधेरे में जब जवान नाढ़ खास के जंगलों में आतंकवादियों की तलाश कर रहे थे, तभी पेड़ों की ओट में छिपे आतंकवादियों ने जवानों पर अचानक से हमला कर दिया। इस हमले में दो जवान शहीद हो गए। इस बीच आतंकवादी एक बार फिर घने जंगलों में छिप गए।
देश सेवा में समर्पित ये दोनों वीर जवान उत्तराखंड से थे। शहीदों की पहचान राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी (26) निवासी गांव विमन तहसील नरेंद्रनगर, टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड और राइफलमैन योगंबर सिंह (27) निवासी सनकारी तहसील पोखारी-चमोली, उत्तराखंड के रूप में हुई है।