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जम्मू कश्मीरः पहाड़ी दर्रों के बंद होने से पहले घुसपैठ करवाने की दुस्साहस करेगा पाकिस्तान

By सुरेश डुग्गर | Updated: November 22, 2018 05:59 IST

सेना प्रवक्ता कहते थे कि, पाक सेना के लिए असल में ये आतंकी सिरदर्द और बोझ बन गए हैं जिन्हें वह जल्द से जल्द और भयानक परिस्थितियों की परवाह किए बिना इस ओर धकेलना चाहती है।

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सीमाओं पर घुसपैठ को लेकर दोनों ओर से तैयारियां जारी हैं। अगर पाक सेना आतंकियों को इस ओर धकेलने की खातिर सीमा पर लूप होलों की तलाश में है तो भारतीय सेना घुसपैठ को थामने की खातिर नई नई रणनीतियां तैयार कर रही है।

सेना ने शीतकाल में सीमा पार से घुसपैठ की आशंका के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर चौकसी और बढ़ाई गई है। सेना के वरिष्ठ कमांडरों ने बताया है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से सर्दियों में घुसपैठ हो सकती है। पीओके में आतंकियों के शिविर चल रहे हैं और वे सभी घुसपैठ की फिराक में हैं इसलिए आने वाले दिन ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।

उन्होंने आश्वस्त किया कि सेना सतर्क है और घुसपैठियों को कड़ा जवाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों से प्रशिक्षित आतंकी घुसपैठ कर सकते हैं। उन क्षेत्रों का जायजा सेना के वरिष्ठ अधिकारी ले चुके हैं। उन्होंने बताया कि सतर्कता सूत्रों के अनुसार सीमा पार से घुसपैठ की तैयारी चल रही है लेकिन सेना उसका जवाब देने के लिए तैयार है।

बताया जा रहा है कि आतंकवाद को बल देने के लिए सीमा पार लांचिंग पैडों पर तैयार सैंकड़ों आतंकियों को घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान सीमा पर कमजोर कड़ी तलाश रहा है। पड़ोसी देश ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी से पहाड़ी दर्रों के बंद होने से पहले घुसपैठ करवाने के लिए फिर दुस्साहस करेगा।

सूत्रों के अनुसार, सेना व बीएसएफ के भारी दबाव के कारण अब सीमा पार से आतंकियों के छोटे दलों को घुसपैठ करवाने की कोशिशें हो रही हैं। बड़े दलों की घुसपैठ में अधिक नुकसान की संभावना रहती है।

असल में नवम्बर-दिसंबर से पहाड़ी इलाकों में घुसपैठ के रूट बंद होने के पुख्ता संकेत मिलने के बाद एलओसी पर ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया है जो भारी गोलीबारी की आड़ में घुसपैठ करने के लिए पाकिस्तान का अगला निशाना हो सकते हैं। ऐसे स्थानों पर रात के समय घुसपैठ पर नजर रखने के लिए जवानों की तैनाती बढ़ाने के साथ हैंड हेल्ड थर्मल इमेजरों, सेंसरो व नाइट विजन यंत्रों की संख्या बढ़ाई गई है।

माना कि एलओसी के पहाड़ों पर बर्फबारी के कारण भयानक सर्दी का माहौल हो लेकिन पाक सेना इसमें भी घुसपैठ के प्रयासों को अंजाम देने की कोशिशें कर गर्मी पैदा करने की कोशिशों में है। सेना प्रवक्ता कहते थे कि, पाक सेना के लिए असल में ये आतंकी सिरदर्द और बोझ बन गए हैं जिन्हें वह जल्द से जल्द और भयानक परिस्थितियों की परवाह किए बिना इस ओर धकेलना चाहती है।

यह बात अलग है कि प्रवक्ता इस पर कोई टिप्पणी करने से इंकार करते हैं कि बर्फबारी ने तारबंदी को भी दफन कर दिया है और उन उपकरणों को भी जिनके द्वारा एलओसी पर घुसपैठियों पर नजर रखी जाती है। हालांकि वे कहते थे कि हाथ से चलने वाले उपकरण अच्छी तरह से काम कर रहे हैं और पाक सेना द्वारा पैदा की जाने वाली घुसपैठ की गर्मी को रोकन में बखूबी सहायक हो रहे हैं। सेना चाहे कुछ भी कहे लेकिन इतना जरूर है कि पाक सेना भयानक सर्दी और मौसम की इन परिस्थितियों में भी आराम से नहीं बैठने दे रही है।

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