जम्मू-कश्मीर के शहीद जवान औरंगजेब को मिलेगा शौर्य चक्र, सरकार ने किया ऐलान
By भाषा | Published: August 15, 2018 03:28 PM2018-08-15T15:28:53+5:302018-08-15T15:30:34+5:30
देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस पर औरंगजेब के माता-पिता स्थानीय संस्था "अपना समूह" के आयोजित ध्वजारोहण के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान शहर के रीगल चौराहे पर विशाल तिरंगा फहराया।
नई दिल्ली, 15 अगस्त: थलसेना के 44 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान औरंगजेब को शौर्य चक्र से सम्मानित करने की सरकार की घोषणा के बाद इस शहीद फौजी के भावुक परिजनों ने बुधवार को कहा कि उन्हें देश के लिये अपने बहादुर बेटे की कुर्बानी पर फख्र है। देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस पर औरंगजेब के माता-पिता स्थानीय संस्था "अपना समूह" के आयोजित ध्वजारोहण के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान शहर के रीगल चौराहे पर विशाल तिरंगा फहराया।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के हाथों शहीद औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ ने संवाददाताओं से कहा, "औरंगजेब पूरे देश का बेटा था और हमें उसकी कुर्बानी पर फख्र है। सरकार ने उसके नाम शौर्य चक्र की घोषणा के जरिये उसकी शहादत को सम्मानित करने का फैसला किया, उसके लिये शुक्रिया।"
उन्होंने कहा, "आतंकवादियों ने मेरे बहादुर बेटे के हाथ बांध दिये थे। अगर उसके हाथ खुले होते, तो वह कम से कम चार आतंकवादियों का काम तमाम कर देता।" औरंगजेब की माता राज बेगम ने कहा, "मुझे फख्र और खुशी है कि मेरे बेटे को उसकी शहादत के लिये शौर्य चक्र से सम्मानित करने की घोषणा की गयी है।"
शहीद फौजी की भावुक मां ने कहा, "मेरा बेटा मुझसे कहता था कि वह देश के लिये कुछ करके दिखायेगा। उसने अपनी शहादत से इस बात को आखिरकार सच साबित कर दिया।" आतंकवादियों ने जून में औरंगजेब को पुलवामा से अगवा करके उनकी बर्बरता से हत्या कर दी थी। उस वक्त वह ईद मनाने के लिये छुट्टी पर अपने घर जा रहे थे। 44 राष्ट्रीय राइफल्स से ताल्लुक रखने वाले सैनिक का गोलियों से छलनी शव पुलवामा में कलामपुरा से करीब 10 किलोमीटर दूर मिला था।
इस बीच, इंदौर में स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह महेश गार्ड लाइन्स स्थित सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय के मैदान में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के लोक निर्माण तथा विधि एवं विधायी कार्य मंत्री रामपाल सिंह ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा रस्मी परेड की सलामी ली।